आगरा के जूता उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि वह पहले से ही मंदी से जूझ रहा था, और अब नए टैरिफ से आगरा में कई जूता कारखानों के अस्तित्व पर ही खतरा मंडरा रहा है।जूता फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों को डर है कि इस स्थिति के कारण बड़े पैमाने पर छंटनी हो सकती है, जिससे उनकी आजीविका को खतरा हो सकता है।ट्रंप के टैरिफ का आगरा के जूता उद्योग पर सबसे ज़्यादा असर पड़ने की आशंका है, क्योंकि वैश्विक चमड़ा निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है। अकेले वित्त वर्ष 2024-25 में भारत से अमेरिका को निर्यात किए गए जूतों का कारोबार तकरीबन 50 करोड़ डॉलर का था।Trump Tariff:
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राकेश निगम, जूता कारीगर: जब कारीगरों को काम नहीं मिलेगा और कंपनियों के पास ऑर्डर नहीं होंगे, तो स्वाभाविक रूप से कारीगरों पर असर पड़ेगा क्योंकि वे बेरोजगार होकर घर बैठ जाएंगे। उत्तर प्रदेश में अकेले आगरा में ही लगभग 3.5 लाख परिवार फुटवियर उद्योग पर निर्भर हैं। मेरा मानना है कि इस टैरिफ से पूरे भारत के लोग प्रभावित होंगे। इसका असर तो काफी पड़ेगा”Trump Tariff:
राजेश सहगल, निर्यातक: आगरा से अमेरिका को लगभग 300 करोड़ रुपये का फुटवियर निर्यात होता है, लेकिन स्थिति अभी भी स्पष्ट नहीं है क्योंकि ग्राहकों ने अभी तक ऑर्डर रद्द नहीं किए हैं। हां, ज़्यादातर ऑर्डर होल्ड पर हैं। हम खुद भी तय नहीं कर पा रहे हैं कि उत्पादन जारी रखें या नहीं। मुझे लगता है कि यह पता लगाने में 15-20 दिन लगेंगे कि स्थिति साफ होने में। कितने ऑर्डर रद्द हुए हैं और कितना बनेगा। हमें सरकार से जरूर उम्मीद है। पहले भी सरकार बहुत सक्रिय रही थी, उन्होंने हमसे जानकारी मांगी थी और मुझे विश्वास है कि सरकार हमारी मदद जरूर करेगी।”Trump Tariff: