(आवेस उस्मानी): लिजियम को लेकर केंद्र सरकार और जजों के बीच का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा मुझे लगता है कि लोगों को दूसरों से लड़ने में मज़ा आता है। हम लड़ना नहीं चाहते, जिस बात का कोई आधार ही नहीं उस पर मैं क्या जवाब दूं? विधायिका और कार्यपालिका के बीच मतभेदों को बढ़ा कर बताया जा रहा है। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा न्यायाधीश एक बार नियुक्त किए जाते हैं और उन्हें चुनाव का सामना नहीं करना पड़ता, न्यायाधीशों की जनता द्वारा परख भी नहीं की जा सकती है। जनता सब देख रही है और आकलन कर रही है, सोशल मीडिया के युग में कुछ भी छिपा नहीं है।
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि जनता न्यायाधीशों को नहीं बदल सकती, लेकिन वह उन्हें, उनके निर्णयों को, उनके काम करने के तरीके और न्याय देने के तरीके को देख रही है, सोशल मीडिया के युग में कुछ छुपा नहीं है। केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कहा हम न्यायाधीशों सहित दैनिक आधार पर सार्वजनिक आलोचना का भी सामना कर रहे हैं, इसलिए आपको यह देखने को मिलेगा कि आजकल जज सावधान रहते हैं। किरण रिजिजू ने कहा अगर न्यायपालिका की गरिमा और सम्मान को कमजोर किया जाता है, तो लोकतंत्र सफल नहीं हो सकता।
केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने दिल्ली बार एसोसिएशन की ओर से दिल्ली के तीस हज़ारी कोर्ट परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा अब जनता के पास सरकार से सवाल करने का एक मंच है और सोशल मीडिया के उदय के साथ देश का प्रत्येक व्यक्ति और नागरिक आज सरकार से सवाल करता है। रिजिजू ने कहा प्रश्न भी पूछे जाने चाहिए। अगर आप चुनी हुई सरकार पर सवाल नहीं उठाएंगे तो और किससे सवाल करेंगे? केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने कहा भारत में लोकतंत्र की प्रगति के लिए मजबूत स्वतंत्र न्यायपालिका जरूरी है।
किरण रिजिजू ने कहा मुझे लगता है कि लोगों को दूसरों से लड़ने में मज़ा आता है। हम लड़ना नहीं चाहते, जिस बात का कोई आधार ही नहीं उस पर मैं क्या जवाब दूं? किरण रिजिजू ने कहा न्यायपालिका का एक ही उद्देश्य होना चाहिए, आम आदमी और न्याय के बीच कोई गैप ना रह जाए, जहां तक बात आपस में मतभेद की है, तो मतभेद तो होते ही रहते हैं। अगर कोई किसी चीज का विरोध करे, तो उसका आधार जरूर होना चाहिए। किरण रिजिजू ने कहा सरकार और न्यायपालिका के बीच आज कोई समस्या नहीं। जो सिस्टम चल रहा है उसपर आज कोई सवाल नहीं उठाएगा या फिर कोई सवाल नहीं उठेंगे, ऐसा सोचना गलत। किरण रिजिजू ने कहा की विधायिका और कार्यपालिका के बीच मतभेदों को बढ़ा कर बताया जा रहा है।