Thyroid: वर्तमान में महिलाओं में थायरॉइड (Thyroid) की बीमारी सबसे आम है। थायरॉइड ग्लैंड (Thyroid Gland) के निचले भाग में मौजूद होता है। यह बटरफ्लाई की तरह दिखता है। इससे हार्मोन टी-3, टी-4 और टी एस एच निकलते हैं। थायरॉइड शरीर के कई फंक्शनों पर प्रभाव डालता है, जिसमें मेटाबॉलिज़्म रेट भी शामिल है। शरीर के लिए थायरॉइड का ज्यादा और अधिक निकलना काफी ज्यादा खतरनाक है।
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यदि इस हार्मोन (Hormones) की मात्रा कम या ज्यादा होती है तो हमें कई बीमारियां होती हैं। जब थायरॉइड ग्लैंड (Thyroid Gland) तेजी से काम करता है, तो इसमें से थायरॉइड हार्मोन (Thyroid Hormones) काफी अधिक निकलता है। ग्लैंड इस दौरान बहुत व्यस्त रहता है, जो हाईपर थायरॉयडिसम (Hyperthyroidism) है। जब यह धीमी गति से काम करने लगता है, तो थायरॉयड होर्मोन (Thyroid Hormones) कम उत्पादित होता है, यह हाइपोथायराइडिज्म (Hypothyroidism) है।
ऑटोइम्यून (Autoimmune) की बीमारी भी थायरॉइड (Thyroid) का नाम है। थायरॉइड ग्लैंड के फंक्शन में कोई समस्या होने पर कई समस्याएं पैदा होती हैं। इसलिए आप जल्दी मोटा हो जाते हैं। थायरॉइड तनाव (Stress), चिड़चिड़ापन (Irritability) और मोटापा (Obesity) जैसी गंभीर समस्याओं को जन्म देता है। किसी महिला को थायरॉइड होने पर आने वाले समय में अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं। थायरॉइड की बीमारी बढ़ते वजन और मोटापे से हो सकती है। हाइपोथायराइडिज्म हार्मोन मोटापे को तेजी से बढ़ाता है। शरीर की मेटाबोलिक दर भी इससे कम होती है। इससे व्यक्ति को अंदर से कमजोरी महसूस होने लगता है, जिससे वह थक जाता है।