केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान: ‘लाडली बहना’ योजना का मकसद वोट हासिल करना नहीं

Ladli Behna Scheme:

Ladli Behna Scheme: ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान के तीसरे संस्करण की सोमवार को शुरुआत की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर उनके कार्यकाल के दौरान शुरू की गई ‘लाडली बहना’ योजना का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है, न कि वोट हासिल करना।लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ राष्ट्रीय अभियान ‘‘नयी चेतना-पहल बदलाव की’’ के तीसरे संस्करण के आरंभ के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में चौहान ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान शुरू की गई महिला-केंद्रित योजनाओं के बारे में बात की। इनमें महत्वपूर्ण प्रत्यक्ष लाभ अंतरण योजना ‘‘लाडली बहना’’ भी शामिल है, जिसने भारतीय जनता पार्टी को मध्यप्रदेश में सत्ता बरकरार रखने में मदद की।

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हाल में महाराष्ट्र और झारखंड में शुरू की गई ऐसी ही योजनाएं भी मौजूदा सरकारों के उन राज्यों में सत्ता में बने रहने के पीछे एक प्रमुख कारक रहीं। हालांकि, चौहान ने कहा कि इस योजना का उद्देश्य वोट हासिल करना नहीं है।उन्होंने कहा, ‘‘लाडली बहना योजना वोट पाने के लिए नहीं लाई गई थी। मुझे हमेशा से लगता रहा है कि आर्थिक सशक्तिकरण लैंगिक सशक्तिकरण सुनिश्चित करने की कुंजी है।’’मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि लैंगिक हिंसा को समाप्त करने के लिए महिलाओं का आर्थिक, सामाजिक, राजनैतिक और शैक्षिक सशक्तिकरण जरूरी है। उन्होंने बलात्कारियों के लिए मृत्युदंड की भी वकालत की।

उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा सिर्फ गांवों में ही नहीं, बल्कि शहरों में भी होती है…बलात्कार के 90 प्रतिशत से ज्यादा मामलों में अपराधी पीड़िता का कोई परिचित ही होता है। बेटियां कहां सुरक्षित हैं?’’चौहान ने कहा, ‘‘अगर बलात्कार जैसी कोई घटना होती है, तो अपराधी को फांसी पर लटका देना चाहिए। ऐसे दरिंदों को जीने का कोई अधिका

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महिला और बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत महिला सशक्तिकरण की दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।उन्होंने कहा, ‘‘लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण संविधान में निहित हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में हमारी सरकार को लगता है कि महिलाओं के नेतृत्व में विकास ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है।’’ मंत्री ने कहा कि लिंग आधारित हिंसा के खिलाफ लड़ाई घर से शुरू होनी चाहिए।उन्होंने कहा, ‘‘अधिकांश महिलाएं अभी भी अपने खिलाफ हिंसा के मामलों को दर्ज नहीं कराती हैं। ये एक चिंताजनक प्रवृत्ति है।’‘नयी चेतना’’, ग्रामीण विकास मंत्रालय के तत्वावधान में दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) की ओर से आयोजित एक महीने का अभियान है। ये अभियान 23 दिसंबर तक पूरे देश में चलाया जाएगा।

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