उत्तर प्रदेश इन दिनों लगातार हो रहे धार्मिक आयोजनों से आस्था के रंग में डूबा है। प्रयागराज में भव्य कुंभ के बाद अब अयोध्या राम नवमी की तैयारियों में डूबी है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद यह दूसरी राम नवमी है और इसकी भव्यता पूरे देश का ध्यान खींच रही है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत को संजोने का संकल्प लिया था। लोगों का मानना है कि आज हर आयोजन और गली उस संकल्प की तस्वीर पेश कर रही है।
इस बार राम नवमी पर राम जन्मभूमि मंदिर में एक खास दृश्य देखने को मिलेगा—दोपहर 12 बजे सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक को चार मिनट तक तिलक करेंगी। मंदिर प्रशासन द्वारा की गई स्थायी व्यवस्था के तहत यह सूर्य तिलक अगले बीस वर्षों तक हर राम नवमी पर होता रहेगा। इसके साथ ही मंदिर को फूलों से सजाया गया है और अयोध्या को उत्सवमय रंग में रंगा गया है। मुख्य द्वार पर श्रद्धालु उत्साह के साथ दर्शन कर रहे हैं और यादगार पलों को कैमरे में कैद कर रहे हैं।
राम नवमी सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि सनातन परंपरा का उत्सव है। अयोध्या की सड़कों पर सूर्य स्तंभ, स्वच्छ सरयू के तट और राम की पैड़ी की रौनक, यह सब मिलकर रामनगरी को अद्वितीय बना रहे हैं। इसी भव्यता को देखने के लिए लाखों श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं, और इस बार भी अयोध्या दीयों की रोशनी में नहाई नजर आएगी।
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पूरे शहर में कथा-प्रवचन और धार्मिक आयोजन हो रहे हैं जहाँ भक्त झूम रहे हैं, नाच रहे हैं और योगी सरकार की व्यवस्थाओं की सराहना भी कर रहे हैं। रामनवमी का यह उत्सव एक बार फिर अयोध्या को धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बनाने की अगली कड़ी है।
