Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश के लखनऊ में विरोध प्रदर्शन के दौरान मारे गए 28 साल के कांग्रेस कार्यकर्ता प्रभात पांडे का गुरुवार 19 दिसंबर को गोरखपुर में उसके पैतृक गांव में अंतिम संस्कार किए जाने के दौरान उस समय अफरा-तफरी फैल गई जब प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अजय राय की मौजूदगी पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। चशमदीदों ने बताया कि लोग “अजय राय वापस जाओ”, “हत्यारे दल वापस जाओ” और “राहुल गांधी मुर्दाबाद, प्रियंका गांधी मुर्दाबाद” जैसे नारे लगा रहे थे। जिसके बाद तनाव बढ़ने पर पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
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प्रभात के पड़ोसी निखिलेश ने बताया कि प्रभात के शव को अंतिम संस्कार से पहले उसके घर लाया गया जिससे परिवार में कोहराम मच गया। प्रभात के पिता दीपक पांडे ने कहा, “ये मेरे कर्मों का फल है। मेरा इकलौता बेटा चला गया।” अंतिम संस्कार जगह पर उसकी मां बेहोश हो गई। निखिलेश ने बताया कि जब अजय राय ने श्रद्धांजलि देने की कोशिश की तो हालात और बिगड़ गए। गुस्साए गांव वालों ने उन पर राजनैतिक फायदे के लिए इस त्रासदी का फायदा उठाने का आरोप लगाया।
प्रदर्शनकारियों ने चिल्लाते हुए कहा, “यहां कोई ड्रामा नहीं” और अजय राय को चिता के पास जाने से रोक दिया। भीड़ को शांत करने की कोशिश में अजय राय ने अपना जनेऊ दिखाया और कहा, “मैं भी ब्राह्मण हूं, सच्चा 24 कैरेट का।” दूसरे कांग्रेस नेताओं की लगातार अपील के बाद न चाहते हुए भी उन्हें श्रद्धांजलि देने की अनुमति दी गई। बुधवार 18 दिसंबर को प्रभात की मौत को लेकर उठे विवाद ने राजनीतिक तनाव को और गहरा कर दिया है। शुरुआती पोस्टमार्टम रिपोर्ट में दिल का दौरा पड़ने का हवाला दिया गया है, लेकिन प्रभात के परिवार को साजिश का शक है। परिवार ने प्रभात की मौत की निष्पक्ष जांच की मांग की है।
प्रभात के चाचा मनीष पांडे की शिकायत के आधार पर लखनऊ के हुसैनगंज थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या संबंधी एफआईआर दर्ज की गई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खरगे समेत कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। राहुल गांधी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, “उत्तर प्रदेश में एक बार फिर लोकतंत्र और संविधान की हत्या हुई है। कांग्रेस के बहादुर शेर अपनी लड़ाई जारी रखेंगे।” अजय राय ने सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा, “ये मौत नहीं, बल्कि हत्या है। प्रभात ने अपने साथियों को बताया था कि पुलिस ने उसे पीटा जिससे वे बेहोश हो गया।” प्रभात, जो युवा कांग्रेस का सक्रिय सदस्य था, लखनऊ में अपने चाचा के साथ रहता था और कंप्यूटर कोर्स कर रहा था। उसके चाचा मनीष पांडे ने सवाल उठाया था, “अगर प्रभात कांग्रेस कार्यालय में दो घंटे तक बेहोश रहा, तो उसे पहले अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया?”
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उत्तर प्रदेश विधानसभा के पास कांग्रेस के प्रदर्शन में शामिल पार्टी के कार्यकर्ता प्रभात की बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। पार्टी ने ‘पुलिस बर्बरता’ की वजह से कार्यकर्ता की मौत होने का दावा किया है। वहीं, इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि गोरखपुर निवासी 28 साल के प्रभात पांडे को कांग्रेस कार्यालय से अस्पताल में मृत अवस्था में लाया गया था।
