Uttarakhand: शीतकाल के लिए बंद हुए केदारनाथ धाम के कपाट, हजारों श्रद्धालु बने इस पल के साक्षी

Uttarakhand: उत्तराखंड की बर्फीली पहाड़ियों में सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग केदारनाथ के आज भैया दूज के पावन अवसर पर शीतकाल के लिए सुबह 8:30 बजे कपाट बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान वहां भगवान केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे 15 हजार से अधिक श्रद्धालु इस पल के साक्षी बने हैं।

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आपको बता दें, उत्तराखंड में शीतकाल के लिए चार धाम के कपाट बंद होना शुरू हो गए हैं। बीते दिन गंगोत्री धाम के कपाट बंद किए गए थे और इस दौरान जमकर हर-हर गंगे के नारे लगे थे, वहीं आज सुबह 8:30 बजे 15 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की मौजूदगी में केदारनाथ धाम के भी कपाट बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान जय बाबा केदारनाथ, ऊँ नम: शिवाय, हर-हर महादेव के जयकारों से सारा धाम गूंज उठा। इसके बाद अब दोपहर के समय यमुनोत्री धाम के भी कपाट बंद कर दिए जाएंगे।

उत्तराखंड में रविवार सुबह केदारनाथ धाम के कपाट जय बाबा केदार के जय घोष और भारतीय सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच वैदिक विधि-विधान और धार्मिक परंपराओं के साथ बंद कर दिए गए हैं। इस दौरान बद्री केदार मंदिर समिति (BKTC) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि इस यात्राकाल में रिकॉर्ड साढ़े 16 लाख से ज्यादा तीर्थ यात्री श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। भगवान शिव की पांच मुख वाली मूर्ति की औपचारिक डोली निकाली गई और इसे अब शीतकाल के लिए ऊखीमठ के ओंकारेश्वर मंदिर ले जाया जाएगा।

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केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग ने कहा, “सुबह साढ़े आठ बजे मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि भगवान शिव दुनिया भर में अपने सभी शिव भक्तों के लिए सब कुछ अच्छा करें। भगवान शिव का ये प्रसिद्ध धाम श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु अब अगले साल गर्मियों की शुरुआत के साथ अप्रैल-मई में फिर से खोला जाएगा।”

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