Emergency in India: उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने लोकसभा में कहा, भारत का संविधान पिछले दशकों में हर चुनौती और हर परीक्षा में खरा उतरा है।संसद में राष्ट्रपति के अभिभाषण के दौरान अपने भाषण में उप-राष्ट्रपति ने देश में 1975 में लगाई गई इमरजेंसी का भी जिक्र किया।आपको बता दें कि 25 जून 1975 को तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने इंदिरा गांधी के अनुरोध पर आपातकाल लगाने के फैसले को मंज़ूरी दे दी थी ।
Read Also: दिल्ली पुलिस ने किया वॉकथॉन का आयोजन, नशीली दवाओं के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने की पहल
25 जून 1975 को देश में लगा आपातकाल –उप-राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत आने वाले कुछ महीनों में अपनी आजादी के 75 साल पूरे करने जा रहा है। भारत का संविधान पिछले दशकों में हर चुनौती, हर कसौटी पर खरा उतरा है। जब संविधान का मसौदा तैयार किया जा रहा था,तो दुनिया में ऐसी शक्तियां थीं जिन्हें उम्मीद थी कि भारत नाकाम हो जाएगा।आज से ठीक 49 साल पहले यानी 25 जून 1975 को भारत में आपातकाल लगाया था।तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के आपातकाल लगाने के क़दम को भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला अध्याय कहा जाता है.पाँच दशक के बाद भी आपातकाल को आज भी देश नहीं भूल पाया है।
Read Also: Rohtak: चुनाव प्रभारी,सह प्रभारी और CM की उपस्थिति में हुई BJP की संगठनात्मक बैठक में क्या हुआ जानें ?
ओम बिरला ने भी की इमरजेंसी की निंदा- लोकसभा का स्पीकर चुने जाने के बाद ओम बिरला ने कहा कि, ‘यह सदन 1975 में इमरजेंसी लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. इसके साथ ही हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया भारत के लोकतंत्र की रक्षा का दायित्व निभाया.’ साथ ही उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को लगाई गई इमरजेंसी को देश के इतिहास में हमेशा एक काले अध्याय के रूप में जाना जाएगा।