22 जनवरी को अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद से ही सोशल मीडिया पर जूते-चप्पलों के पास बैठी एक बुजुर्ग महिला की तस्वीर वायरल हो रही है. कुछ लोगों का कहना है कि वृंदावन में श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की सुरक्षा का काम देखने वाली इस महिला ने राम मंदिर निर्माण के लिए 51 लाख रुपये दान दिए हैं.
आपको बता दे कि फोटो को शेयर करने वाले लोग कह रहे हैं कि पीली साड़ी पहने हुए इस महिला ने बीते 30 वर्षों में बचत करते-करते 51 लाख रुपये इकट्ठा किए थे. लेकिन उसका श्रद्धाभाव ऐसा था कि उसने अपनी सारी पूंजी राम मंदिर के लिए समर्पित कर दी. ऐसे ही एक पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
वायरल तस्वीर में दिख रही महिला के राम मंदिर के लिए 51 लाख रुपये रुपये दान देने की बात गलत है. इस महिला ने 2017 में खुद एक इंटरव्यू में बताया था कि उसने अपना घर बेचकर 15 लाख रुपये वृन्दावन में गौशाला बनाने के लिए दान किए थे.
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कैसे पता लगाई सच्चाई?
वायरल फोटो को रिवर्स सर्च करने पर हमें पता लगा कि इसे 22 मई, 2017 को ‘श्री बांके बिहारी जी वृन्दावन’ नाम के फेसबुक पेज पर अपलोड किया गया था. यहां बताया गया है कि फोटो में दिख रही महिला मात्र 20 वर्ष की आयु में ही विधवा हो गई थीं और वो श्री बांके बिहारी मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं के जूते-चप्पलों की रखवाली करती हैं. इंटरव्यू के दौरान उन्होंने बताया कि वह मध्य प्रदेश के कटनी की रहने वाली हैं और पति की मौत के बाद यहां आ गई थीं. साथ ही, वो ये भी बताती हैं कि उन्होंने कटनी में मौजूद अपना मकान बेचकर उससे मिले पैसों में से 15 लाख रुपये गौशाला बनाने के लिए दान दिए थे.