Wayanad Protests Against Gramin Bank : केरल में मुंडक्कई-चूरलमाला भूस्खलन में जो लोग बच गए, उन्हें ईएमआई की मार झेलनी पड़ रही है। राहत कोष से उनकी ईएमआई काट ली गई। इसके बाद वायनाड के कलपेट्टा में केरल ग्रामीण बैंक का विरोध हो रहा है।विरोध की अगुवाई अलग-अलग राजनीतिक दलों के युवा संगठन कर रहे हैं। उन्होंने बैंक में जाने का रास्ता बंद कर दिया।बताया जा रहा है कि केरल ग्रामीण बैंक ने वायनाड में भूस्खलन से बचे एक शख्स के खाते से मासिक किस्त के रूप में 15,000 रुपये निकाल लिए।
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मुख्यमंत्री विजयन ने की ये अपील – मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने राज्य के सभी बैंकों से अपील की है कि वे वायनाड में भूस्खलन पीड़ितों और बचे हुए लोगों का कर्ज माफ करें।उन्होंने कहा कि कर्ज माफ करने से बैंकों पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।मुख्यमंत्री ने ये भी कहा है कि ब्याज में छूट या मासिक किस्तें जमा करने का समय आगे बढ़ाने से भूस्खलन पीड़ितों की परेशानियां दूर नहीं होंगी।वायनाड के मुंडक्कई और चूरलमाला में 30 जुलाई को भारी भूस्खलन हुआ। इससे दोनों इलाके लगभग बर्बाद हो गए। प्राकृतिक आपदा ने 200 से ज्यादा लोगों की जान ले ली और कई घायल हो गए।
प्रदीप के. एस., संयोजक, राज्य स्तरीय बैंकिंग समिति- भूस्खलन में जो परिवार बर्बाद हो गए हैं या मारे गए हैं। ऐसे मामलों में और जहां कमाने वाला नहीं है, हमने बैंकों से अनुरोध किया है कि वे कर्ज माफ करने के लिए अपने बोर्ड के साथ बात करें। मुख्यमंत्री का भी कहना था कि कर्ज माफ करने का निर्देश देने का अधिकार उनके पास नहीं है।जहां मोरेटोरियम मुमकिन है, वहां लागू करें, क्योंकि 50 फीसदी से ज्यादा फसल के नुकसान की वजह से हम एक साल तक मोरेटोरियम और ईएमआई पर चार साल की छूट दे सकते हैं। ये निर्देश सभी बैंकों को पांच साल की अवधि के लिए दिया गया है, जिसमें एक वर्ष मोरेटोरियम की अवधि होगी।”
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