नई शिक्षा नीति पर क्या बोले सीएम खट्टर

चंडीगढ़(अनिल कुमार): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि शिक्षा समाज की उन्नति और भविष्य को सुरक्षित करने वाला निवेश है जिससे राष्ट्र के हर व्यक्ति के जीवन में उजियारा आता है और वह सदैव कांतिमय बनकर चमकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राजभवन में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की अध्यक्षता में आयोजित राज्य के सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपति व कुलसचिवों के साथ आयोजित बैठक को सम्बोधित किया। बैठक में हरियाणा के उच्चतर शिक्षा मंत्री मूलचंद शर्मा तथा उच्चतर शिक्षा परिषद के चेयरमैन प्रोफेसर बी के कुठियाला भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग के कार्यो के विश्लेषण के लिए आयोजित दो दिवसीय समीक्षा बैठक बुलाने पर राज्यपाल का आभार जताया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय यह संकल्प लें कि नई शिक्षा नीति का समाज के हर नागरिकों को लाभ मिले और इस नीति को लागू करने के लिए बनाए गए प्रत्येक पैरामीटर पर खरा उतरने की कोशिश करें। इसके साथ ही प्रत्येक चरण में नई शिक्षा नीति की समीक्षा करें और इसके लक्ष्यों को पाने के लिए हर संभव प्रयास करें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति के लिए चेकलिस्ट, रेडी रेकनर तैयार किया गया है। इस नीति में मल्टीपल स्कीलिंग के लिए विश्वविद्यालयों में युवाओं को शिक्षित किया जाएगा। कई विश्वविद्यालयों में केजी टू पीजी, इंटीग्रेटेड एजुकेशन के साथ साथ शोध कार्यो पर भी विशेष ध्यान दिया जाए ताकि 2025 तक नई शिक्षा को हरियाणा में पूरी तरह से लागू किया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में विश्वविद्यालयों को सेल्फ फाइनेंस सेंटर के रूप में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का संचालन करें इसके अलावा तकनीकी पाठ्यक्रमों को प्राथमिकता दें ताकि छात्र शिक्षा ग्रहण करने के उपरांत उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर उपलब्ध हो सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय पीपीपी मोड में पाठ्यक्रमों का संचालन करें इससे विश्वविद्यालय आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनेंगें। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 1.80 लाख रुपए से कम आय वाले परिवारों के बच्चों को फीस की सुविधा दी जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएसआर फंड खर्च करने के लिए शिक्षा एक बेहतर क्षेत्र है। इसके लिए एलुमनी मीट को एक रोल मॉडल बनाया जाए। यदि एलुमनी मीट रोल मॉडल बनता है तो डोनेशन के लिए वे स्वयं इसके पहले प्रतिभागी होगें। इसलिए विश्वविद्यालयों को आत्मनिर्भर बनना है। उन्होंने कहा कि शिक्षाविद्ध अपने ज्ञान को अपडेट करते रहें और उसका सदुपयोग भी करें। विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों की रैंकिंग पर भी पूरा ध्यान रखा जाए। कालेज के विद्यार्थियों की मैनपावर का कई प्रकार के होने वाले सर्वे में उपयोग करें। यूनिवर्सिटी में अलग से सोशल एक्पोजर होना चाहिए। विद्यार्थियों को पर्यावरण के क्षेत्र में पौधे लगाने एवं अन्य सामाजिक कार्यों के लिए एकेडमिक मार्कस अलग से मिलें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 2.87 करोड़ लोगों को आयु अनुसार 6 भागों में बांटकर उनकी देखरेख करने के लिए नया आयाम तैयार किया है। इसमें 6 वर्ष तक की आयु के बच्चों की महिला एवं बाल विकास विभाग, 6 से 18 वर्ष तक आयु के बच्चों का जीरो ड्राॅपआउट करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग तथा 18 से 25 वर्ष तक आयु के युवाओं के लिए कालेजों को दायित्व दिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को ऑनलाइन शिक्षा में सक्षम होने के साथ साथ सांस्कृतिक मूल्यों की शिक्षा को भी बढ़ावा दिया जाए ताकि बच्चों को नई दिशा मिल सके। उन्होंने कहा कि रोजगार के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा तभी भारत आगे बढ़ेगा।

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