सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ये सुनिश्चित करने की नीति पर काम कर रहा है कि साल के अंत तक राष्ट्रीय राजमार्ग में गड्ढे ना हों। सरकार सड़कों की मरम्मत के लिए ठेकेदारों को नियुक्त करने और पांच से 15 साल के लिए सड़कों के रखरखाव की जिम्मेदारी सौंपने की योजना बना रही है। सरकार बिल्ड-ऑपरेट-ट्रांसफर या बीओटी मॉडल के जरिए राजमार्गों के निर्माण पर भी विचार कर रही है, जिसमें ठेकेदार पहले 15 से 20 साल तक उनके रखरखाव के लिए जिम्मेदार होंगे। highways
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन के मुताबिक “एनएचएआई में 70,000 किलोमीटर की सड़क है। एनएचएआई, डीसीएल और स्टेट पीडब्ल्यूडीसी, तो तीनों की सारी सड़कों को मैप करके 100 परसेंट किसी ना किसी प्रकार के मेंटेनेंस कॉन्ट्रैक्ट में आ जाए, वो काम लगभग, सारे कॉन्ट्रैक्ट्स इनफोर्स में आने वाले हैं। तो एक बहुत बड़ा अभियान, सर ने चार सितंबर को मीटिंग लिया था, उसमें सारे के साथ हमने फील्ड में बात की थी, तो इंटरनली टार्गेट ये रखा था कि हम लोग दिसंबर तक पूरे देश में एक भी सड़क पर गड्ढा ना रहे।”
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सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि “जो रोड एपीसी में बनाते हैं, उसका मेंटेनेंस बहुत जल्दी आ रहा है। और जो रोड कॉन्ट्रैक्टर को 15 साल मेंटेन करते हैं, वो रोड एकदम अच्छे बनते हैं। दस बार सोचता है कि मेरे को खर्चा ना पड़े। तो हमने तय किया है कि हम लोग कॉन्ट्रैक्टर को 10 साल 15 साल मेंटेनेंस जिम्मेदारी देके उसका गले में लटकाएंगे। इसके लिए बीओटी हम ज्यादा हमने ज्यादा बड़े पैमाने पर बनाने का निर्णय किया।”highways
बीओटी मॉडल मॉडल में निजी निवेशकों की 20 से 30 साल तक राजमार्ग परियोजनाओं के फाइनैंसिंग, निर्माण और संचालन की जिम्मेदारी होगी। डेवलपर्स उपयोगकर्ता शुल्क या टोल के जरिए अपना निवेश वसूल सकते हैं।
( PTI )
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