आधार कार्ड व पीपीपी क्यो है महत्वपूर्ण दस्तावेज

चंडीगढ़(अनिल कुमार): मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में आधार उपयोग को सरल बनाने और इसके उपयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलों के विषय पर आयोजित हरियाणा राज्य कार्यशाला को संबोधित किया। कार्यशाला का आयोजन भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री ने कहा की डिजिटलाइजेशन का विषय उनके दिल के बेहद करीब है। राज्य सरकार ने डिजिटलाइजेशन की दिशा में कई महत्वपूर्ण पहल की है, जिसकी केंद्र सरकार ने भी समय-समय पर सराहना की है। उन्होंने कहा कि भारत जैसे इतने बड़े देश में 134 करोड़ लोगों को एक आधार सिस्टम से जोड़ा गया, यह अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। इस प्रकार का डाटाबेस सिस्टम शायद ही किसी अन्य देश के पास उपलब्ध होगा। उन्होंने कहा कि आधार सिस्टम आज एक अहम दस्तावेज बन गया है, हालांकि बदलते तकनीकी युग में इस सिस्टम में आज बायोमेट्रिक के साथ – साथ फेस रिकॉग्निशन और वॉयस रिकॉग्निशन भी शुरू करने की आवश्यकता है। फेस रिकॉग्निशन के लिए मोबाईल भी एक उपयोगी उपकरण बन सकता है। इस दिशा में तेज गति से कार्य करने की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधार कार्ड से व्यक्ति की पहचान होती है। लेकिन हमारी संस्कृति व्यक्ति केंद्रित नहीं बल्कि परिवार केंद्रित है। इसी को समझते हुए वर्ष 2015 में हरियाणा सरकार ने परिवार की पहचान के लिए भी नई पहल की। इसके तहत, परिवार पहचान पत्र (मेरा परिवार-मेरी पहचान) की शुरुआत हुई। विभागों ने जमीनी स्तर तक अथक प्रयास करते हुए डाटाबेस एकत्र किया। इसके लिए इन-हाउस टीमें बनाई गई। लगभग 4 साल की मेहनत के बाद आज पीपीपी पोर्टल पर लगभग 70 लाख परिवारों और 2.60 करोड़ सदस्यों का पंजीकरण किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से देना सुनिश्चित किया है। आज लगभग 150 योजनाओं व सेवाओं का लाभ पीपीपी के माध्यम से दिया जा रहा है। पीपीपी की बदौलत सरकार ने 37 लाख घोस्ट ट्रांजक्शजन पकड़े और गलत तरीके से लिये जा रहे योजनाओं के लाभ पर रोक लगाई। इससे करीब 1200 करोड़ रुपये की बचत हुई है।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी के तहत प्रदेश के ऐसे परिवारों, जिनकी आय 1 लाख रुपये से कम है, उनकी पहचान की गई और उनके आर्थिक उत्थान के लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना शुरू की गई। इस योजना के अंतर्गत अंत्योदय ग्राम उत्थान मेलों का आयोजन कर ऐसे परिवारों को विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई और लगभग 32 हजार से अधिक व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया गया। इसके अलावा,अन्य पात्र लाभार्थियों को ऋण प्रदान करने की प्रक्रिया जारी है। इसी प्रकार, राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री परिवार समृद्धि योजना भी चलाई जा रही है, जिसके तहत 1.80 लाख रुपये से कम वार्षिक आय वाले परिवारों को 6 हजार रुपये वार्षिक राशि दी जा रही है। इस राशि में से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का प्रीमियम का भुगतान किया जा रहा है। करीब 27-28 लाख परिवारों का प्रीमियम प्रदेश सरकार दे रही है। उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित केंद्र व राज्य सरकार के अधिकारियों से आह्वान किया कि वे प्रदेश व देश में आधार के उपयोग को सरल बनाने व इसके उपयोग को बढ़ावा देने का संकल्प लें और जनता को जागरूक करें कि तकनीक का उपयोग करके कल्याणकारी योजनाओं का लाभ किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है।

 

 

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