नई दिल्ली (अनिल सिंह की रिपोर्ट)– दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष ने समाजसेवी अन्ना हजारे से दिल्ली आकर भ्रष्टाचार के खिलाफ एक और आंदोलन चलाने की मांग की है। बीजेपी ने अन्ना हजारे से अपील करते हुए मांग की है। उन्होंने आग्रह किया कि इस बार आम आदमी पार्टी के खिलाफ भ्रष्टाचार आंदोलन चलाकर दिल्ली की जनता को इंसाफ दिलाएं। बीजेपी अन्ना हजारे को भ्रष्टाचार का धुर-विरोधी मानते हुए। इसलिए उन्होंने वरिष्ठ समाज सेवक को पत्र लिखकर बुलावा भेजा है।बीजेपी का आरोप है कि स्वच्छ राजनीति का दावा कर बनी आम आदमी पार्टी ने जिस तरह से दिल्ली की जनता को ठगा।उसकी किसी ने कल्पना नहीं की थी।
भ्रष्टाचार की लड़ाई में जिस तरीके से अरविंद केजरीवाल ने भ्रष्टाचार के धुर विरोधी माने जाने वाले अन्ना हजारे को आगे कर आंदोलन शुरू किया था। कुछ उसी अंदाज में आठ साल बाद बीजेपी भी अन्ना हजारे को आगे कर केजरीवाल के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ना चाहती है। बीजेपी का आरोप है कि केजरीवाल आंदोलनों के शुरुआती दिनों में राजनीतिक पार्टियों को मिलने वाले चंदे पर तमामं सवाल उठाते है। ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति की बड़ी बडी बात करते थे। लेकिन आज जब वो खुद एक राजनीतिक दल के मुखिया है। चंदे के नाम पर करोड़ो रूपये अवैध तरीके से ले रहे है। अब कहा गई। उनकी ईमानदारी और स्वच्छ राजनीति की नसीहत।
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दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने अपने खत में 5 अप्रैल 2011 का जिक्र करते हुए । अन्ना हजारे को याद दिलाया कि रामलीला मैदान में भ्रष्टाचार मिटाने के लिए जनलोकपाल विधेयक की मांग करते हुए तत्कालीन सरकार के खिलाफ आमरण अनशन किया था। बीजेपी का कहना है कि इस आंदोलन को दिल्ली समेत देशभर के लाखों लोगों का साथ मिला था। लेकिन कुछ लोगों ने स्वच्छ राजनीति व्यवस्था की वकालत करते हुए आम आदमी पार्टी राजनीतिक दल का गठन किया। चुनाव लड़े और दिल्ली के मुख्यमंत्री की गद्दी संभाली। कुछ लोगों को धकियाते हुए नए चेहरों को सामने लाए। सोमनाथ भारती हो या संदीप कुमार, अमानतुल्लाह खान हो या जितेंद्र तोमर नामों की लंबी फेहरिस्त है।
वैसे तो चंदा सभी राजनीतिक दलों को मिलता है और चंदे को लेकर सियासत भी खूब होती है। लेकिन जब बात आरटीआई के दायरे की आती है। तो यही राजनीतिक दल एक सुर में विरोध करने लगते है। सवाल इस बात का आखिर इस पर सियासत क्यों।