तृणमूल कांग्रेस की नेता शशि पांजा ने रविवार को कहा कि बृजभूषण शरण सिंह अभी तक संसद सदस्य बने हुए हैं और बीजेपी ने उन्हें निष्कासित नहीं किया है।कोलकाता में पीटीआई से बात करते हुए पांजा ने कहा कि वे साक्षी मलिक और बाकि पहलवानों को न्याय मिलने का इंतजार कर रही हैं।शशि पांजा ने कहा, “हम जो सुनने या देखने का इंतजार कर रहे हैं वो ये है कि बृजभूषण शरण के खिलाफ गंभीर आरोपों पर साक्षी मलिक को कब न्याय मिलेगा। वे अभी भी संसद सदस्य बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक उन्हें निष्कासित नहीं किया है।”
खेल मंत्रालय ने रविवार को भारतीय कुश्ती महासंघ या डब्ल्यूएफआई को मौजूदा नियमों और विनियमों की अनदेखी के आरोप में निलंबित कर दिया। डब्ल्यूएफआई के चुने गए नए अध्यक्ष संजय सिंह ने 21 दिसंबर को ऐलान किया था कि अंडर-15 औरअंडर-20 राष्ट्रीय प्रतियोगिताएं साल खत्म होने से पहले यूपी के गोंडा के नंदिनी नगर में होंगी। मंत्रालय ने कहा कि शेड्यूलिंग में पर्याप्त सूचना की कमी थी और इसने डब्ल्यूएफआई संविधान का उल्लंघन किया, जिसकी वजह से उसे निलंबित कर दिया गया।
21 दिसंबर को डब्ल्यूएफआई के चुनाव हुए थे, जिसमें पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के वफादार संजय सिंह और उनके पैनल ने बड़े अंतर से चुनाव जीता था। पहलवानों ने इसका विरोध किया, जिन्होंने पहले बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।
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शशि पांजा ने कहा कि हम जो सुनने या देखने का इंतजार कर रहे हैं वो ये है किबृजभूषण शरण के खिलाफ गंभीर आरोपों पर साक्षी मलिक को कब न्याय मिलेगा। वे आरोपी है, वे अपराधी है और वे अभी भी संसद सदस्य बने हुए हैं। भारतीय जनता पार्टी ने अभी तक उन्हें निष्कासित नहीं किया है, उन्हें निलंबित नहीं किया है या उनकी सदस्यता से छुटकारा नहीं दिलाया है। उन्हें अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने के लिए कहा जाना चाहिए।
इन आरोपों पर कब गौर किया जाएगा? कानूनी कार्यवाही कब शुरू हो रही है? उन्हें कब बुलाया जाएगा? ये सब एफआईआर, जांच और पूछताछ कब शुरू होगी?साहस देखिए उनका कि वे चुनाव के लिए अपने शिष्य को खड़ा करते हैं और कहते हैं कि वे बाहर से फेडरेशन चलाएंगे। तो ये तब है जब मंत्रालय ने कदम उठाया है। उन्होंने चुनाव या खेलों की तैयारी को निलंबित कर दिया है। लेकिन हम अभी भी साक्षी मलिक और बाकी को न्याय मिलने का इंतजार कर रहे हैं।