राष्ट्रपति भवन में मौजूद मुगल गार्डन अब अमृत उद्यान के नाम से जाना जायेगा। जी हां आप ने सही सुना मुगल गार्डन का नाम अमृत महोत्सव के तहत बदला गया है। मुग़ल गार्डन को अमृत उद्यान में बदले जाने की जानकारी राष्ट्रपति की उप प्रेस सचिव नविका गुप्ता ने दी जिसमें उन्होंने बताया कि स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के 75 साल पूरे होने के समारोह के अवसर पर, भारत के राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन उद्यानों को अमृत उद्यान के रूप में एक सामान्य नाम दिया है। इस गार्डन को सबसे पहले देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने आम लोगों के लिए खुलवाया था, तब से आज तक हर साल स्प्रिंग सीजन में इसे जनता के लिए खोला जाता है। बता दें अमृत उद्यान को कुछ दिनों के लिए हर साल आम लोगों के लिए खोला जाता है। जहां वो विभिन्न तरह के फूलों और पौधों को देख सके और उनका लुफ्त उठा सकें।
बता दें की इस बार भी अमृत उद्यान को 31 जनवरी से 26 मार्च तक खोला जाएगा जिससे अब आम लोग भी वहां मौजूद विभिन्न तरह के पेड़ पौधों को देख कर जानकारियां जुटा सके और ऐसे वातावरण का आनंद ले सके। गार्डन ओपन होने का समय दिन के 10 बजे से शाम के 4 बजे तक होगा। वहीं अमृत गार्डन के साप्ताहिक क्लोजिंग डे सोमवार है। यहां गुलाब और ट्यूलिप के विभिन्न प्रजातियां हैं। इसके अलावा यहां और भी विभिन्न किस्म के पौधे मौजूद है। गार्डन में सेल्फी प्वांइट भी हैं, साथ ही यहां फूड कोर्ट भी चालू रहेगा। लोग क्यूआर कोड से पौधों के किस्मों की जानकारी ले सकेंगे। 28 मार्च को किसानों के लिए, 29 को दिव्यांगों के लिए, 30 पुलिस और सेना के लिए यह खुलेगा।
बता दें की इन दिनों केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के विभिन्न जगहों के नाम में परिवर्तन किया गया है। फिरोज शाह कोटला स्टेडियम का नाम बदलकर अरुण जेटली स्टेडियम, औरंगजेब रोड का नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया है। इसी कड़ी अन्य कई भवनों , संस्थाओं और सड़कों का भी नाम बदला गया है।
राष्ट्रपति भवन में स्थित अमृत उद्यान शुरू से ही प्रयटकों का केंद्र रहा है। इसे बनाने के लिए एडविन लुटियंस ने पहले देश-दुनिया के उद्यानों का अध्ययन किया था। इस उद्यान में पौधारोपण में करीब एक साल का वक्त लगा था। यहां पर ब्रिटिश और मुगल दोनों के उद्यानों की झलक मिलती है। वहीं इस गार्डन के पौधरोपण में करीब एक साल का वक्त लगा था। गार्डन लगभग 15 एकड़ एरिया में स्थित है जहां गुलाब, विभिन्न फूल, सेंट्रल लॉन एंड लॉग, सर्कुलर, स्पिरिचवल, हर्बल (33 औषधीय पौधे), बोन्साई (ढाई सौ प्लांट), कैक्ट्स (80 वेरायटी) व नक्षत्र गार्डन (27 वेरायटी) शामिल हैं। इसके अलावा यहां करीब 160 वेरायटी के पांच हजार पेड़ भी शामिल हैं।
अमृत उद्यान को राष्ट्रपति भवन की आत्मा कहा जाता है। राष्ट्रपति भवन में तीन उद्यान हैं जो मुगल और फारसी उद्यानों से प्रेरित थे। श्रीनगर के बाग से प्रेरित होकर उसे मुगल गार्डन कहा जाने लगा, लेकिन इन बगीचों को कभी भी आधिकारिक तौर पर ‘मुगल गार्डन’ नाम नहीं दिया गया। बता दें की अमृत उद्यान जम्मू कश्मीर में स्थित जम्मू और कश्मीर में मुगल गार्डन की तरह बनया गया है।
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अमृत उद्यान को फ़रवरी या मार्च के महीने में हर साल आम जनता के लिए खोला जाता है। अगर आप भी अपने दोस्त का परिवार के साथ यह जाना चाहते हैं तो जरूर जाये। वहां का सबसे नजदीकी मेट्रो स्टेशन सेंट्रल सेक्रेटेरियल है। वहीं अमृत उद्यान में एंट्री नि:शुल्क है। वहीं यहां खाने-पीने का समान लेकर जाना सख्त मना है।
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