Zubeen Garg: जुबिन गर्ग (Zubeen Garg) को अंतिम श्रद्धांजलि देने के लिए सोमवार 22 सितंबर को हजारों प्रशंसक गुवाहाटी के सरुसजई स्टेडियम में उमड़ पड़े। राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, गायक पापोन और भूटान नरेश के प्रतिनिधि सहित कई प्रमुख हस्तियों ने भी स्टेडियम में श्रद्धांजलि अर्पित की। शोक संतप्त लोग 52 साल के गायक को अंतिम विदाई देने के लिए रातभर कतार में खड़े रहे और घंटों इंतजार किया। उनका पार्थिव शरीर पारंपरिक असमिया ‘गमोसा’ से ढके कांच के ताबूत में रखा गया था। राज्य के अलग-अलग भागों से कई लोग अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आए थे, और रविवार से ही अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे ताकि वो अपने चहेते कलाकार को आखिरी बार देख सकें।
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शिवसागर के एक इंजीनियर अरिंदम बुरागोहेन ने गर्ग को पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद रूंधे गले से कहा कि मैं कल गुवाहाटी पहुंचा और सरुसजई आया। लेकिन भीड़ बहुत अधिक होने के कारण मैं स्टेडियम में प्रवेश नहीं कर सका। मैं आज कई घंटों तक कतार में खड़ा रहा और किसी तरह अपनी श्रद्धांजलि अर्पित कर सका। नलबाड़ी का एक दंपति, जो रविवार को स्टेडियम में प्रवेश नहीं कर पाया था, आज सुबह फिर से लौटा और कई घंटों तक चिलचिलाती धूप में कतार में खड़ा रहा। Zubeen Garg
अपनी पत्नी के साथ आए मकीबुल हुसैन ने कहा कि हमने एक दिग्गज खो दिया है, एक ऐसा व्यक्ति जो सच्चाई के लिए खड़ा रहता था। जुबिन के नहीं रहने से, हमने उस निडर आवाज़ को खो दिया है जो जब भी कुछ गलत देखता था, आवाज़ उठाता था। हम उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने का यह मौका नहीं गंवा सकते थे। मंगलदाई से पिता-पुत्र अपने साथ एक ‘गमोसा’ लेकर आए थे, जिस पर ‘जुबीन दा अमर रहें’ लिखा था। उन्होंने गायक-संगीतकार को श्रद्धांजलि अर्पित की। कई लोगों ने पुष्प और गमोसा अर्पित किए, जबकि कुछ ने उनकी अंतिम विदाई के क्षणों को मोबाइल फोन में रिकॉर्ड किया।
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प्रशंसकों ने स्टेडियम के बाहर जुबिन के लोकप्रिय गीत भी गाए और श्रद्धांजलि देने के बाद भी वहां से जाने को तैयार नहीं थे। चिलचिलाती धूप के कारण कई लोग बीमार पड़ गए, जिनका इलाज चिकित्सीय टीम ने मौके पर किया। गायक का पार्थिव शरीर रविवार 21 सितंबर की सुबह सिंगापुर से गुवाहाटी लाया गया। सिंगापुर में शुक्रवार को समुद्र में तैरते समय उनका निधन हो गया था। सबसे पहले उनके पार्थिव शरीर को काहिलीपाड़ा स्थित उनके निवास पर ले जाया गया, और इस दौरान हजारों लोग हवाई अड्डे से लेकर उनके घर तक के 25 किलोमीटर लंबे रास्ते पर कतार में खड़े रहे। शनिवार शाम से ही भीड़ सरुसजई के ‘अर्जुन भोगेश्वर बरुआ स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स’ में जुटना शुरू हो गई थी और रविवार तक यह संख्या लाखों में पहुंच गई। गर्ग की पत्नी गरिमा ने लोगों को उनके ‘असीम स्नेह और दुआओं’ के लिए धन्यवाद किया। मंगलवार को दूसरे पोस्टमार्टम के बाद परिवार की इच्छा के अनुसार, गुवाहाटी के कमरकुची में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।