बिहार के बाद अब देश के 12 राज्यों में दूसरे चरण की SIR की प्रक्रिया जारी है। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने कहा है कि उसके द्वारा जारी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के तहत अब तक 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मतदाताओं को 37 करोड़ से ज्यादा (72.66 प्रतिशत) गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं।
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SIR के दूसरे चरण के तहत नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची को दुरुस्त करने के इस महत्वाकांक्षी अभियान में लगभग 51 करोड़ मतदाता शामिल होंगे। आयोग ने बुधवार को जारी एक बुलेटिन में कहा है कि पश्चिम बंगाल में 7.66 करोड़ से ज्यादा मतदाताओं के लिए अब तक 6.80 करोड़ या 88.8 प्रतिशत गणना प्रपत्र वितरित किए जा चुके हैं।
देश के कुल 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूचियों का SIR अगले साल नवंबर से फरवरी के बीच किया जा रहा है। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में SIR की कवायद जारी है। इनमें तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव होंगे। असम में मतदाता सूची के संशोधन की घोषणा अलग से की जाएगी। इस प्रदेश में भी अगले साल विधानसभा चुनाव है।
SIR प्रक्रिया का दूसरा चरण 4 नवंबर को गणना के साथ शुरू हुआ और 4 दिसंबर तक चलेगा। निर्वाचन आयोग 9 दिसंबर को मसौदा मतदाता सूची जारी करेगा और अंतिम सूची 7 फरवरी को प्रकाशित की जाएगी। चुनाव आयोग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, तमिलनाडु में 6.41 करोड़ मतदाताओं में से पांच करोड़ से ज्यादा मतदाताओं को फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं।
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पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस और तमिलनाडु में डीएमके ने SIR प्रक्रिया का विरोध करते हुए दावा किया है कि इससे दस्तावेज की कमी में पात्र नागरिक मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद प्रकाशित बिहार की मतदाता सूची और आधार कार्ड को उन दस्तावेज की सूची में शामिल किया है, जो लोगों को इन 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में जमा करने होंगे।
