अमन पांडेय : मिस्त्र एक ऐसा देश है, जो अतीत के कई छुपे और गहरे राज को अपने भीतर समेटे हुए है। जो समय समय पर पुराने ताबूतों को खोलने से पता चल रहे है। समय समय पर पुराने ताबूतों को खोलने से पता चल रहे हैं। कब्र में 21 विभिन्न डिजाइन के 49 ताबीज मिले है। इसके साथ ही इसमें आफ्टरलाइफ के बाद मार्गदर्शन देने के लिए एक सोने का मास्क, मुंह के भीतर सोने के का दिल मिला है। आफ्टरलाइफ मौत के बाद के जीवन को कहते है।
शोधकर्ताओं को ताबीज मृत लड़के की ममी के ऊपर और शरीर के भीतर मिले हैं। ताबीज कहां कहां है, इसका पता लगाने के लिए कम्प्यूटर टोमोग्राफी स्कैन का इस्तेमाल किया गया है। मिस्त्र के काहिरा में संग्रहालय के लिए तमाम ममी को पहुंचाए जाने से पहले 19 वीं और 20 वीं सदी में भी कई ताबूतों को खोदकर निकाला गया था। हालांकि वैज्ञानिक प्रचीन मानवों के बारे में और जानकारी जुटाने के लिए खोज करना जारी रखे हुए है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, इनका मकसद ये पता लागाना है कि प्रचीन समय के लोगों का स्वास्थ्य कैसा था, उनका अंतिम संस्कार कैसे होता था और वह किन मान्यताओं का पालन करते थे। इसके लिए सीटी स्कैन का इस्तेमाल हो रहा है। इस गोल्डन बॉय के अवशेष दो ताबूतों के अंदर रखे गए थे। बाहरी ताबूत सामान्य था और उस पर ग्रीक अक्षर खुदे हुए थे , जबकि अंदर वाला लकड़ी के पैटर्न में था और इस पर सोने का पानी चढा हुआ मास्क मिला है।
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लड़के की उम्र 14 साल 15 साल की बताई जा रही है, जब उसकी मौत हुई थी। इसके साथ ही पत्थरों से जड़ा हुआ एक सोने का पानी चढ़ा हुआ सिर का मुखौटा और सीने पर पहना जाने वाला कवच मिला है। उसके शरीर में नकली दिल और मस्तिष्क के अलावा दूसरे अंग नहीं मिले। बाकी के अंगों को निकाल लिया गया था। प्राचीन मिस्र में ऐसा माना जाता था कि मौत के बाद भी एक जीवन होता है। लेकिन उस तक पहुंचने की यात्रा काफी खतरनाक होती है। इसके लिए धोलोक से होकर गुजरना पड़ता है। मौत के बाद की यात्रा के लिए मृतक लड़के को लगभग सभी तरह का सामान दिया गया था। ये स्टडी जर्नल फ्रंटियर्स इन मेडिसिन में पब्लिश की गई है।