क्या होता है डूम स्क्रोलिंग, विशेषज्ञ क्यों देते सोशल मीडिया से दूर रहने की सलाह ?

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Social Media: सोशल मीडिया (Social Media) आज हमारी जिंदगी का वो हिस्सा बन चुका है जिसके बिना हम एक पल भी नहीं रह सकते हैं। हमें सोते-जागते, खाते-पीते हर समय फोन चाहिए लेकिन क्या आप जानते हैं सोशल मीडिया आपकी मेंटल हेल्थ के लिए कितना खतरनाक है। आज टेक्नोलॉजी इतनी अधिक बढ़ चुकी है कि सोशल मीडिया आपके मूड के अनुसार आपके सामने पोस्ट रख देती है। कई बार आप नकारात्मक पोस्ट को इतना अधिक देख लेते हैं कि वह नए-नए रूप में आपके सामने आ जाती है और आप उससे प्रभावित भी होते हैं लेकिन फिर भी आप उससे नजर नहीं हटा पाते हैं। विज्ञान की भाषा में कहें तो यह समस्या डूम स्क्रोलिंग हैं।

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बता दें कि अमेरिका और ईरान में एक स्टडी की गई जिसमें लगभग 800 यूनिवर्सिटी के छात्रों को शामिल किया गया। इस स्टडी से पता चला कि सोशल मीडिया पर परेशान करने वाली खबरों की लत और अधिक स्क्रोल करना अधिक घातक हो सकता है। इसके कारण हम अधिक दुखी, चिंतित और क्रोधित हो सकते हैं। स्टडी के लेखक और फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी के मनोवैज्ञानिक रेजा शबांग ने बताया कि लगातार नकारात्मक खबरों व पोस्ट को पढ़ना आपको मनोवैज्ञानिक रूप से बहुत अधिक प्रभावित करता है भले ही आप उस घटना से सीधे न जुड़े हो लेकिन फिर भी नकारात्मक खबरें आपकों प्रभावित करती हैं। यदि आप लगातार नकारात्मक खबरों और पोस्टों से जुड़े रहते हैं तो आप अपनी जिंदगी में खतरा महसूस करने लगते हैं और धीरे-धीरे आपका नजरिया लोगों को लेकर नकारात्मक होने लगता है।

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सोशल मीडिया से ब्रेक है जरूरी- जिस तरह हमें काम से और स्कूल से ब्रेक की जरूरत होती है ठीक उसी तरह सोशल मीडिया से भी ब्रेक जरूरी होता है। अक्सर हम खुद को बोरियत महसूस न कराने के लिए डूम स्क्रोलिंग करते हैं लेकिन डूम स्क्रोलिंग की बजाए हमें नई चीजों के बारे में सोचना चाहिए और नई गतिविधियां करनी चाहिए ताकि फिर से सोशल मीडिया की अधिक लत का शिकार न होना पड़े। नेगेटिव की बजाए पॉजिटिव खबरों को पढ़े और फोन चेक करने के लिए अलर्ट रहें उसका आदि न बनें। सोशल मीडिया कम से कम यूज करें यदि सोशल मीडिया का यूज कम होगा तभी आप नई चीजें सीख पाएंगें।

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