गुरुग्राम (गुलशन ग्रोवर की रिपोर्ट)- साइबर सिटी गुरुग्राम की आबोहवा लगातार ज़हरीली होती जा रही है। मार्च में जारी हुई विश्व वायु गुणवत्ता रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया का सातवां सबसे प्रदूषित शहर गुरुग्राम है। ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी हो जाता है कि गुरुग्राम में वायु प्रदूषण को रोकने और मापने के लिए जिला प्रशासन के पास क्या इंतजाम हैं ?
साइबर सिटी गुरुग्राम में प्रदूषण मापने के लिए अलग-अलग इलाकों में 4 यंत्र लगाए गए हैं। जिसमें से 2 यंत्र हाल ही में लगाए गए हैं। ये यंत्र गुरुग्राम के विकास सदन, गुरुग्राम यूनिवर्सिटी सेक्टर-51, गुरुग्राम-फरीदाबाद रोड पर और एकेसीडीसी कॉम्प्लेक्स आईएमटी मानेसर में लगे हुए हैं। ये यंत्र प्रदूषण की स्थिति बताते हैं। जैसे ही प्रदूषण का स्तर बेहद खराब या खतरनाक स्थिति पर होता है तो उसकी जानकारी जिला प्रशासन को तुरंत मिल जाती है।

यंत्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को पीएम 2।5, पीएम-10, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रोजन ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड, विंड स्पीड जैसे 22 पैरामीटर की जानकारी देते हैं। जिसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड इन पैरामीटर्स के हिसाब से प्रदूषण की स्थिति का पता लगाता है। ये यंत्र 22 पैरामीटर की रिपोर्ट 24 घंटे जिला प्रशासन को देते हैं।
गुरुग्राम शहर हरियाणा के औद्योगिक क्षेत्रों में से एक है। यहां आईटी कंपनियों के साथ-साथ कई बड़े ब्रैंड्स की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स भी हैं।
Also Read- 17 अगस्त के कार्यक्रम में शामिल हुए सीएम सहित बीजेपी के कई नेता कोरोना संक्रमित
वहीं प्रशासन ने भी इन कंपनियों पर अपनी पूरी नजर बना रखी है। जैसे ही किसी मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का प्रदूषण स्तर बढ़ता है, तो इसकी सीधी रिपोर्ट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के पास जाती है।सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और हरियाणा स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट पर रोजाना प्रदूषण का स्तर अपडेट किया जाता है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की वेबसाइट पर एयर क्वालिटी इंडेक्स, पीएम 2।5 समेत कई जानकारी हर समय उपलब्ध रहती है।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates, Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter.

