National Space Day: जैसे-जैसे समय व्यतीत होता रहता है, वैसे-वैसे हम उपलब्धियों को भूल जाते हैं। उन्हें याद रखने के लिए और उनका महत्व समझाने के लिए ही खास दिन का नाम दे दिया जाता है, ताकि आने वाले पीढ़ी उस दिन के बारे में पढ़ें तो उन्हें वह उपलब्धि याद आए और उसके बारे में उन्हें जानकारी मिले। इसलिए कल भारत अपना पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) मनाएगा, ताकि ISRO की खास उपलब्धियों को याद किया जाए।
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कल ही क्यों मनाया जा रहा राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस ?
पिछले वर्ष भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक अविश्वसनीय जीत हासिल की थी, जिससे आप में से ज्यादातर लोग भूल गए होगें। अब इस जानकारी को पढ़ने के बाद आपको वो खास उपलब्धि याद आ गई होगी। जी हां, चंद्रयान-3 की इस दिन हुई खास और सफल लैंडिंग के कारण ही इस दिन राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस (National Space Day) मनाया जा रहा है।
बता दें, इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य मकसद युवा पीढ़ी को अंतरिक्ष का ज्ञान देना । साथ ही उन्हें विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में प्रेरित करना है, ताकि भविष्य की पीढ़ी याद रख सके और इस खास उपलब्धि के पीछे की उन्हें वजह पता हो।
23 अगस्त को ही हुई थी चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग-
14 जुलाई को भारत के चंद्रयान-3 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन केंद्र से चांद की सतह पर पहुंचने के लिए उड़ान भरी थी। 23 अगस्त 2023 भारत के इतिहास में स्वर्ण पन्नों पर लिखा गया दिन है। क्योंकि इस दिन भारत ने एक ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। इसी दिन भारत के विक्रम लैंडर ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक लैंडिंग की थी।
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बता दें,जिसके बाद भारत विक्रम लैंडर को चांद पर उतारने वाला चौथा देश और दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कराने वाला पहला देश बना। जिस पॉइंट पर विक्रम लैंडर को लैंड कराया गया उसे शिव शक्ति पॉइंट कहा जाता है। जिसके बाद प्रज्ञान रोवर चांद की सतह पर भ्रमण कर के वहां की जानकारी हमारे वैज्ञानिकों तक पहुंचाता है।
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