चंदा से क्या है हमारा रिश्ता… क्यों मिला है उन्हें मामा का दर्जा ?

Chanda Mama: What is our relationship with Chanda... Why has he been given the status of uncle? MOON,mama,Chand, moon, call moon,moon is called mama,story of moon, chand, mama,moon, uncle, moon, story behind the moon, calling moon uncle, story about the moon, calling moon moon, story on the moon, #moonlight, #moon, #earth, #chandamama, #chandamama, #moonstories, #bedtimetales, #lunarlove, #celestialchatter, #StarryNights, #cosmicconnections, #moonmagic, #NighttimeNostalgia, #lullaby

Chanda Mama: चांद को लेकर अक्सर हमने बहुत सी बातें सुनी हैं। हम जब भी चांद की बात करते हैं तो हम सभी चंदा मामा कहते हैं खास तौर पर बचपन में जब भी चांद की कोई कहानी सुनते थे या फिर कोई गीत सुनते थे तो चंदा मामा ही कहा जाता था और आज भी बच्चे चांद को मामा ही कहते हैं। क्या आप जानते हैं कि आखिर चांद को चंदा मामा ही क्यों कहा जाता है, कुछ और भी कह सकते हैं लेकिन बचपन से लेकर आज तक चंदा मामा ही कहा जाता है। चलिए जानते हैं चांद को मामा कहने के पीछे की कहानी।

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बता दें कि आज से नहीं बल्कि सदियों से चांद को मामा की भूमिका दी गई है और इसके पीछे कई पौराणिक और धार्मिक कारण हैं। हिंदू धर्म में होने वाले हर कार्य के पीछे कोई न कोई कारण अवश्य होता है ठीक वैसे ही चांद को मामा कहने के पीछे भी एक खास कारण है। चांद को माता लक्ष्मी का भाई कहा जाता है और हम सभी देवी लक्ष्मी को मां कहते हैं जिसकी वजह से चांद के साथ हमारा रिश्ता मामा वाला होता है क्योंकि वह मां लक्ष्मी के भाई है।

पृथ्वी और चांद का क्या है संबंध? पृथ्वी और चांद का रिश्ता भी भाई-बहन वाला ही है जैसे भाई अपनी बहन के पास खेलता कूदता है और उसके आगे- पीछे उछल-कूद करता है ठीक उसी तरह चांद भी पृथ्वी का चक्कर लगाता है। हम लोग धरती को भी मां कहकर संबोधित करते हैं और इसी संबंध के कारण हमारा चांद के साथ मामा का रिश्ता बन जाता है।

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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण आज- आज 18 सितंबर 2024 को इस साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण है। चंद्रग्रहण का भारतीय संस्कृति में बहुत महत्व है और इस बार चंद्रग्रहण का असर दक्षिण अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और पश्चिमी अफ्रीका के कई देशों में दिखाई देगा। इस बार भारत में चंद्रग्रहण नहीं दिखाई देगा और इसी कारण भारत में इसका कोई प्रभाव भी नहीं होगा। चंद्रग्रहण दिखाई नहीं देने के कारण इस बार भारत में सूतक काल भी नहीं लगेगा।

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