केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान को मंजूरी दी

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर: सभी संबंधित मंत्रालयों द्वारा ट्राइबल डेवलपमेंट के लिए डेवलपमेंट एक्ट ऑर एसटी ग्रांट के रूप में इयर मार्क किया जाता है। तो पीएम जनमन के अंतर्गत आवश्यक कार्यों की जो फंडिंग ग्रांट्स है। इसके लिए भी डेडिकेट फंड इयर मार्क किया जाएगा।

पीएम गतिशक्ति प्लेटफॉर्म तथा मिशन अंत्योदय डेटा का उपयोग करते हुुए, इन गांवों में इंफ्रास्ट्रक्चर वर्तमान स्थिति का आकलन किया जाएगा और जो गेप है, इंफ्रास्ट्रक्चर में उसको भी पूरा किया जाएगा।ये एक आउटकम ओरिएंटेड अभियान है और डेफीनेट आउटकम के आधार पर इसकी मॉनिटरिंग कराई जाएगी। जिनमें कुछ मुख्य आउटकम सुनिश्चित किए जाएंगे। और एक सेच्युरेशन बेस्ड पर जैसे कि मैंने कहा कि उनका पक्के मकान मिले। ऑल वेदर रोड हो, स्वच्छ पानी की, बिजली की और टेलीकॉम की सुविधाएं हो। मल्टीपरपज के केंद्र हो जैसे आंगनवाड़ी केंद्र हो, जैसे ये सब उसमें उपलब्ध कराया जाए। तो 11 जो मैंने आपको कहे, इन सेक्टरों में इनके लिए किाम किया जाएगा। इसमें कुल मिलाकर जो खर्चा आएगा वो पीएम-जनमन योजना में कुल 24,104 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा और इसमें केंद्र सरकार का जो हिस्सा है वो 15,336 करोड़ है और राज्यों का हिस्सा 8,768 करोड़ रुपये उसके शेयर के रूप में आएगा। क्योंकि जब वहां पर विकास भी होगा, स्किल होगा, बिजली-पानी होगा तो उससे बहुत सारे अवसर भी पैदा होंगे।

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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा अभियान (पीएम-जनमन) को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। पीएम-जनमन’ के तहत जनजातीय मामलों के मंत्रालय समेत नौ मंत्रालयों के माध्यम से 11 महत्वपूर्ण हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित किया जायेगा। झारखंड के खूंटी में ‘जनजातीय गौरव दिवस’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित इस योजना की कुल लागत 24,104 करोड़ रुपये होगी।इसमें केंद्र का हिस्सा 15,336 करोड़ रुपये होगा और राज्य 8,768 करोड़ रुपये का योगदान देंगे। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार रात इस योजना को मंजूरी दे दी। अठारह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह के 75 समुदायों को खात तौर पर कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के रूप में वर्गीकृत किया गया है। सरकार ने कहा कि ये पीवीटीजी सामाजिक, आर्थिक और शिक्षा क्षेत्रों में कमजोर समझे जाते हैं। आयुष मंत्रालय मौजूदा नियमों के मुताबिक ही आयुष कल्याण केंद्र स्थापित करेगा और हेल्थ यूनिट के जरिए आयुष सुविधाओं का दायरा पीवीटीजी बस्तियों तक बढ़ाएगा। । कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय इन समुदायों के उपयुक्त कौशल के अनुसार पीवीटीजी बस्तियों, बहुउद्देश्यीय केंद्रों और छात्रावासों में कौशल तथा व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा। भाषा देवेंद्र वैभव वैभवकौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय इन समुदायों के कौशल के आधार पर पीवीटीजी बस्तियों, मल्टीपरपज सेंटरों और होस्टलों में कौशल और व्यावसायिक प्रशिक्षण की सुविधा प्रदान करेगा।

(Source PTI )

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