UP News: संभल जिले की एक अदालत ने शाही जामा मस्जिद मामले में अगली सुनवाई की तारीख पांच मार्च तय की है। मुस्लिम पक्ष के वकील शकील अहमद वारसी ने संवाददाताओं को बताया कि उच्चतम न्यायालय ने अगले आदेश तक देश की अदालतों को धार्मिक स्थलों, विशेषकर मस्जिदों और दरगाहों पर दावा करने संबंधी नए मुकदमों पर विचार करने और लंबित मामलों में कोई भी प्रभावी अंतरिम या अंतिम आदेश पारित करने पर रोक लगाई है।
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अहमद वारसी ने कहा कि हमने उच्चतम न्यायालय के उक्त आदेश की एक प्रति दाखिल की है। अब सुनवाई की तारीख पांच मार्च तय की गई है। जब उनसे पूछा गया कि हिंदू पक्ष का दावा है कि जिस स्थान पर मस्जिद है वहां कभी मंदिर हुआ करता था, तो उन्होंने कहा कि इस पर अदालत फैसला करेगा। उन्होंने कहा, “हमारे पास पूरे सबूत हैं, हम पूरी तरह तैयार हैं, हम अदालत में साबित करेंगे कि यह हरिहर मंदिर नहीं बल्कि जामा मस्जिद है।”
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मामले की सुनवाई सिविल जज आदित्य सिंह ने की। संभल में 24 नवंबर को अदालत के आदेश पर मुगलकालीन शाही जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान चार लोगों की मौत हो गई थी और अनेक अन्य घायल हो गए थे। सर्वेक्षण का आदेश एक याचिका पर दिया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि मस्जिद स्थल पर कभी हरिहर मंदिर हुआ करता था।
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