Lithium Refinery Project: भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और औद्योगिक विकास की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। महाराष्ट्र में नागपुर के बुटीबोरी में देश की पहली लिथियम रिफाइनरी और बैटरी विनिर्माण सुविधा को मंजूरी दे दी गई है।
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इस परियोजना के लिए 42,532 करोड़ रुपये का निवेश होगा। माना जा रहा है कि इससे ऊर्जा के क्षेत्र में क्रांति आएगी और वैश्विक मंच पर भारत की स्थिति मजबूत होगी। 500 एकड़ में फैली परियोजना का मकसद मजबूत घरेलू आपूर्ति श्रृंखला बनाकर लिथियम आयात पर भारत की निर्भरता कम करना है। रिफाइनरी में सालाना 60,000 टन लिथियम शोधन क्षमता होगी और 20 गीगावॉट बैटरी की उत्पादन क्षमता होगी। इस तरह अत्याधुनिक संयंत्र ऊर्जा भंडारण की बढ़ती मांग पूरी करेगा।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ नजरिये के अनुरूप ये परियोजना महत्वपूर्ण उद्योगों को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बनाने की दिशा में कदम उठाएगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस ने औद्योगिक विकास और नवाचार को बढ़ावा देने में इस अभूतपूर्व परियोजना को हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस समझौते पर स्विट्जरलैंड के दावोस में विश्व आर्थिक मंच पर हस्ताक्षर किए गए। इस परियोजना से इलेक्ट्रिक गाड़ियों और नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए लिथियम-आयन बैटरी की मांग पूरी हो सकेगी। परियोजना से हजारों प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार पैदा होने, स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने और क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलने की उम्मीद है। इसमें सहायक उद्योगों को भी आकर्षित करने की संभावना है, जिससे महाराष्ट्र में व्यापक स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण पारिस्थितिकी का निर्माण होगा।
