International News: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार 15 मार्च को यमन में हूती विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों पर सिलसिलेवार हवाई हमलों का आदेश दिया। ट्रंप ने चेतावनी दी कि ईरान समर्थित हूती विद्रोही अहम समुद्री गलियारे पर आने-जाने वाले मालवाहक पोतों पर जब तक अपने हमले बंद नहीं कर देते, तब तक वह ‘‘पूरी ताकत से’’ हमले जारी रखेंगे।
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बता दें, हूती विद्रोहियों ने कहा कि इन हवाई हमलों में कम से कम 20 आम नागरिकों की मौत हो गई। ट्रंप ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा कि हमारे बहादुर सैनिक अमेरिकी जलमार्गों, वायु और नौसैन्य संपत्तियों की रक्षा करने और नौवहन की स्वतंत्रता को बहाल करने के लिए आतंकवादियों के ठिकानों, उनके आकाओं और मिसाइल रक्षा तंत्र पर हवाई हमले कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी आतंकवादी ताकत अमेरिकी वाणिज्यिक और नौसैनिक पोतों को दुनिया के जलमार्गों पर स्वतंत्र रूप से आने-जाने से नहीं रोक पाएगी।
ट्रंप ने ईरान को भी चेतावनी दी कि वे विद्रोही संगठन का समर्थन बंद कर दे अन्यथा उसे उसके कृत्यों के लिए ‘‘पूरी तरह से जवाबदेह’’ ठहराया जाएगा। हूती विद्रोहियों ने शनिवार शाम को सना और सऊदी अरब की सीमा पर विद्रोहियों के गढ़ सादा में शनिवार और रविवार को हवाई हमले होने की सूचना दी। उन्होंने रविवार तड़के होदीदा, बायदा और मारिब प्रांतों में भी हवाई हमले होने की जानकारी दी। हूती विद्रोहियों द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, सना में 13 और सादा में पांच लोगों समेत कम से कम 20 लोग मारे गए।
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एक अमेरिकी अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर बताया कि ये हूती ठिकानों पर हवाई हमलों की शुरुआत है और अभी और हमले किए जाएंगे। हूती मीडिया कार्यालय के उप-प्रमुख नसरुद्दीन आमेर ने कहा कि हवाई हमले उन्हें रोक नहीं पाएंगे और वे अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेंगे। हूती विद्रोहियों के एक अन्य प्रवक्ता मोहम्मद अब्दुलसलाम ने ‘एक्स’ पर अपने पोस्ट में ट्रंप के इस दावे को ‘‘झूठा और भ्रामक’’ बताया कि हूती अंतरराष्ट्रीय जल मार्गों को खतरा पहुंचाते हैं।