Uttarkashi: उत्तरकाशी में सबसे अधिक प्रभावित धराली से गुरुवार को हेलीकॉप्टर द्वारा निकाले गए लोगों ने मंगलवार को शहर में आई अचानक आई बाढ़ की भयावहता को याद किया, जिसने भारी तबाही मचाई थी।शहर आए एक पर्यटक ने बताया, “हम अगले दिन गंगोत्री जाने की योजना बना रहे थे।Uttarkashi:
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रात को बारिश हो रही थी और हम सो रहे थे। अचानक लोगों की चीख-पुकार सुनकर हमारी नींद खुली। हर कोई भाग रहा था। फिर हमने देखा कि हमारा होमस्टे पानी से भर गया है। कारें और होटल बह गए थे। जब हम उठे, तो देखा कि मलबा दूसरी मंजिल की खिड़की तक पहुंच चुका था। हमारे नीचे नेपाल के तीन लोग ठहरे हुए थे। हमने उन्हें बचाने की कोशिश की, लेकिन भारी कीचड़ के कारण हम कुछ नहीं कर सके।”Uttarkashi:
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दिल्ली-एनसीआर के गुरुग्राम से बाइक पर धराली पहुंचे एक युवक ने कहा, “हम पांच लोग गुरुग्राम से बाइक पर यहां आए थे। हम सभी सुरक्षित हैं। सेना ने हमारी बहुत मदद की। हमने वहां सब कुछ अपनी आंखों से देखा। धराली में कुछ भी नहीं बचा है। सेना को भी वहां भारी नुकसान हुआ है।”गुरुवार को 65 फंसे हुए लोगों को एयरलिफ्ट कर मताली पहुंचाया गया।Uttarkashi:
धराली गांव में मलबे के नीचे दबे लोगों की तलाश तेज करने के लिए उन्नत उपकरणों को भी हेलीकॉप्टर के जरिए गांव तक पहुंचाने के प्रयास तेज कर दिए गए।हालांकि, इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है कि कितने लोग लापता हैं, लेकिन स्थानीय लोगों का दावा है कि मलबे में सैकड़ों लोग दबे हो सकते हैं।Uttarkashi: