Flood: पंजाब में बाढ़ का कहर, जलमग्न हुए गांवों में राहत व बचाव अभियान जारी

#Flood

Flood: पंजाब का एक बड़ा हिस्सा इस वक्त बाढ़ की चपेट में है। सतलुज, रावी और ब्यास सहित राज्य की प्रमुख नदियां उफान पर हैं। हालात इस कदर खराब हैं कि कई जिलों में दर्जनों गांव डूब चुके हैं। एनडीआरफ और स्थानीय अधिकारियों के साथ सेना को बचाव और राहत कार्यों में लगाया गया है। Flood

Read Also: जापान दौरे पर पहुंचे PM मोदी, हानेडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर हुआ भव्य स्वागत

फाजिल्का में सतलुज नदी के किनारे बसे करीब दो दर्जन गांव बाढ़ की चपेट में हैं। खेत, तालाब में तब्दील हो चुके हैं, लोगों के घरों में पानी भरा हुआ है। एहतियात के तौर पर लोगों को सुरक्षित जगहों पर भेजा जा रहा है। एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ में फंसे कई बच्चों को बचाया और ऊंचाई वाली जगह पर शिफ्ट किया है। गुरदासपुर में भी कुछ ऐसे ही हालात हैं। रावी नदी का पानी खेत, घर और यहां तक कि डेरा बाबा नानक के कई हिस्सों में भर चुका है। इमारतें 10 से 12 फीट सैलाब में समा चुकी हैं। कई लोग अपने घरों की छतों पर फंसे हुए हैं। जमीन पर पैर रखने तक जगह नहीं बची है। बाढ़ की वजह से सड़क से संपर्क टूट गया है स्थानीय लोग मौजूदा हालात से काफी चिंता में हैं। लोगों का आरोप है कि प्रशासन ने समय पर कार्रवाई नहीं की, जिसका खामिया आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। Flood

इलाके के लोगों के आरोपों के बीच राज्य के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने हालात का जायजा लेने के लिए गुरदासपुर के बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और जिला प्रशासन को प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया। वहीं अमृतसर में रावी नदी का जलस्तर बढ़ने से अजनाला में तटबंध के टूटने से 20 गांवों में पानी भर गया। सेना और बीएसएफ के वाहन भी बाढ़ में फंस गए हैं। अमृतसर जिले के अटारी से स्थानीय विधायक जसविंदर सिंह रामदास ने लोगों के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। Flood

Read Also: Sambhal Violence: संभल हिंसा की जांच के लिए गठित न्यायिक आयोग ने CM योगी को सौंपी रिपोर्ट

पठानकोट में भी रावी नदी भयंकर तबाही मचा रही है। बुधवार को रावी नदी पर स्थित माधोपुर हेडवर्क्स के दो गेट टूट गए और बाढ़ आ गई। वहीं होशियारपुर में भी लगातार हो रही बारिश की वजह से पौंग डैम का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। एहतियाती कदम उठाते हुए अधिकारियों को व्यास नदी में भारी मात्रा में पानी छोड़ना पड़ा, जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया। कपूरथला जिले के सुल्तानपुर लोधी में हालात बद से बदतर बने हुए हैं। यहां एक चेकडैम के टूटने से तकरीबन 30 से 40 गांवों में पानी भर गया। हजारों लोगों का जीवन खतरे में हैं। Flood

सीमा से सटे फिरोजपुर जिले में भी बुधबार से बाढ़ के हालात जस के तस बने हुए हैं। पिछले 48 घंटों में प्रभावित गांवों से 2,000 से ज्यादा लोगों को बचाया गया है। पंजाब में बाढ़ का खतरा टला नहीं है। नदियों और डैम का पानी लगातार तबाही मचा रहा है, इसको देखते हुए प्रशासन और बचाव एजेंसियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन तेज कर दिया है। राज्य सरकार भी पूरी तरह सतर्क है। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय अधिकारी फंसे हुए लोगों को निकलने और जरूरी मदद पहुंचाने के लिए 24 घंटे काम कर रहे हैं।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *