West Bengal: पश्चिम बंगाल में दार्जिलिंग की पहाड़ियों में शनिवार 4 अक्टूबर को कई जगह लगातार बारिश के कारण भूस्खलन होने से कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और दो अन्य लापता हो गए। अधिकारियों ने ये जानकारी शनिवार को दी। भूस्खलन के कारण कई मकान बह गए, सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और दूरदराज के कई गांवों का संपर्क टूट गया। दार्जिलिंग उप-मंडलीय अधिकारी (एसडीओ) रिचर्ड लेप्चा ने पीटीआी वीडियो को बताया कि स्थानीय प्रशासन, पुलिस और आपदा मोचन दल का बचाव और राहत अभियान जारी है। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों में से एक मिरिक झील क्षेत्र में बचाव अभियान में मदद कर रहा है।
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एनडीआरएफ और जिला प्रशासन द्वारा संकलित रिपोर्ट के अनुसार, अब तक नौ लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है जबकि दो अन्य का पता नहीं चल पाया है। सरसली, जसबीरगांव, मिरिक बस्ती, धार गांव (मेची) और मिरिक झील क्षेत्र जैसे कई स्थानों से लोगों के मारे जाने की जानकारी मिली है। धार गांव में मलबे से कम से कम चार लोगों को बचाया गया, जहां भारी भूस्खलन के कारण कई मकान ढह गए। भूस्खलन के कारण मिरिक-सुखियापोखरी सड़क सहित प्रमुख मार्गों पर यातायात बाधित हो गया जबकि कई पहाड़ी बस्तियों की संचार लाइनें टूट गईं। उत्तर बंगाल विकास मंत्री उदयन गुहा ने स्थिति को “चिंताजनक” बताया और अलग-अलग रिपोर्ट का हवाला देते हुए मृतकों की संख्या 17 बताई। गुहा ने कहा, जान का नुकसान होना दुखद है। हमारी रिपोर्ट के अनुसार मिरिक में 11 और दार्जिलिंग में छह लोगों की मौत हुई है लेकिन अभी तक संख्या की पुष्टि नहीं हुई है।
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पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारी और लगातार बारिश के कारण बचाव अभियान में बाधा आ रही है। उन्होंने कहा, इलाका फिसलन भरा है और कई मकान क्षतिग्रस्त हो गए हैं। नुकसान का आकलन अब भी किया जा रहा है। इन ढलानों पर खुदाई करने वाली मशीनों के लिए काम करना बेहद मुश्किल हो रहा है। एहतियात के तौर पर बिष्णुलाल गांव, वार्ड तीन लेक साइड और जसबीर गांव में कई परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया गया है और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों और जिला प्रशासन के समन्वय से अस्थायी राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने दार्जिलिंग और कलिम्पोंग सहित उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल में छह अक्टूबर तक अत्यधिक भारी वर्षा का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया है और अधिक भूस्खलन होने और सड़कें अवरुद्ध होने की चेतावनी दी है। अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकता मिरिक झील के पास लापता हुए दो लोगों का पता लगाना और संपर्क से कटे क्षेत्रों में संपर्क बहाल करना है।