Bengaluru: केंद्रीय मंत्री राम मोहन नायडू ने मंगलवार को हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) द्वारा डिजाइन और निर्मित अगली पीढ़ी के हेलीकॉप्टर ‘ध्रुव एनजी’ को हरी झंडी दिखाकर पहली उड़ान के लिए रवाना किया।यहां उड़ान भरने से पहले केंद्रीय मंत्री ने हेलीकॉप्टर की उन्नत प्रणालियों और विशेषताओं का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने के लिए पायलट के साथ कॉकपिट में प्रवेश किया। Bengaluru
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड के अधिकारियों के अनुसार, ‘ध्रुव एनजी’ महज 5.5 टन का एक हल्का, दो इंजन वाला और बहु-भूमिका हेलीकॉप्टर है, जिसे भारतीय भूभाग की विविध और चुनौतीपूर्ण जरूरतों को पूरा करने के लिए बनाया गया है।स्वदेशी रोटरी-विंग क्षमता में एक बड़ी उपलब्धि साबित होने वाला ये हेलीकॉप्टर, बेहतर सुरक्षा, प्रदर्शन और यात्रियों के आराम को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है।हेलीकॉप्टर में दो शक्ति 1एच1सी इंजन लगे हैं, जो बेहतर शक्ति प्रदान करते हैं और भारत में ही आंतरिक रखरखाव की सुविधा का फायदा देते हैं।Bengaluru
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अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर में विश्व स्तरीय, नागरिक-प्रमाणित ग्लास कॉकपिट है, जो एएस4 मानकों के अनुरूप है। सुरक्षा और विश्वसनीयता के मामले में ‘ध्रुव एनजी’ में क्रैशप्रूफ सीटें, सेल्फ-सीलिंग ईंधन टैंक और उच्च स्तर की सुरक्षा के लिए ट्विन-इंजन कॉन्फिगरेशन शामिल हैं।अधिकारियों ने बताया कि हेलीकॉप्टर में सुगम उड़ान सुनिश्चित करने के लिए उन्नत कंपन नियंत्रण प्रणाली है, जिसे वीआईपी और चिकित्सा परिवहन के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। Bengaluru
अधिकारियों ने विशेषताओं का जिक्र करते हुए बताया कि अगली पीढ़ी के इस हेलीकॉप्टर का अधिकतम टेक-ऑफ भार 5,500 किलोग्राम है, अधिकतम गति लगभग 285 किलोमीटर (किमी)/घंटा, रेंज लगभग 630 किमी (20 मिनट के रिजर्व के साथ), सहनशक्ति लगभग तीन घंटे 40 मिनट, लगभग 6,000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ने में सक्षम और आंतरिक पेलोड लगभग 1,000 किलोग्राम है।ध्रुव एनजी में चार से छह यात्रियों के लिए शानदार व्यवस्था है और इसकी अधिकतम क्षमता 14 यात्रियों की है। हेलीकॉप्टर आपातकालीन चिकित्सा सेवा (एयर एम्बुलेंस) की स्थिति में एक चिकित्सक और एक सहायक के साथ चार स्ट्रेचर रखने की व्यवस्था है।Bengaluru
