रेवाड़ी(श्याम बाटला): आज रेवाड़ी में भी संविधान निर्माता एवं भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की 130वी जयंती धूमधाम से मनाई गई।
इसी के उपलक्ष्य में रेवाड़ी पहुंचे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने शहर के प्रमुख गढ़ी बोलनी चौक पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की 350 किलोग्राम कांस्य निर्मित भव्य प्रतिमा का अनावरण किया।
कार्यक्रम में भारी संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और भारत रत्न के जोरदार नारे भी लगाए। इस मौके पर पत्रकारों से बातचीत में उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर का हमारी जिंदगी में अहम योगदान रहा है।
संविधान निर्माता के रूप में उन्होंने देश के लिए जो अमूल्य योगदान दिया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि आज हमें बोलने की जो आजादी व अधिकार मिला है, वह भीमराव अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान की वजह से ही संभव हो सका है।
उनकी जन्म जयंती पर आज रेवाड़ी में स्थापित कराई गई, यह भव्य प्रतिमा यहां से गुजरने वाली युवा पीढ़ी को न केवल प्रेरणा देने का काम करेगी, बल्कि इस देश को और अधिक उन्नत एवं विकासशील बनाने के लिए प्रेरणा भी देगी।
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दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में जारी किसान आंदोलन को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में दुष्यंत चौटाला ने कहा कि डॉ अंबेडकर द्वारा बनाए गए, संविधान के मुताबिक हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है।
यही वजह है कि जब तक दिल्ली के दोनों बॉर्डर पर हजारों की संख्या में किसान शांतिपूर्वक बैठकर धरना दे रहे थे तो सरकार ने भी उन्हें बैठने की इजाजत दी, लेकिन अगर कोई व्यवस्था को खराब करने या बाधा डालने का काम करेगा तो उसके साथ सख्ती से पेश आया जाएगा।
प्रदेश में बढ़ते कोरोना को लेकर उन्होंने कहा कि अभी हरियाणा में लॉकडाउन जैसी कोई स्थिति नहीं है। पड़ोसी राज्यों को देखते हुए नाइट कर्फ्यू जरूर लगाया गया है।
कोरोना की दूसरी लहर को देखते हुए लगातार 4 दिन चले टीकाकरण उत्सव के साथ प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था को और बेहतर करने का काम किया गया है, ताकि इस चैन को तोड़ा जा सके।
वहीं, प्रदेश में पहली से आठवीं कक्षा तक स्कूल बंद होने के सवाल पर दुष्यंत चौटाला ने कहा कि सैनिक स्कूल कुंजपुरा में एक साथ 160 बच्चे कोरोना संक्रमित के बाद सरकार द्वारा यह फैसला लिया गया है।
बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने की तो इस पर भी विचार किया जा रहा है। इसे ग्रीष्म काल में होने वाली छुट्टियों में बदला जा सकता है।
स्कूल संचालकों द्वारा इस फैसले का विरोध करने पर उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों के भविष्य को देखते हुए स्कूल संचालकों को भी इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है। ऐसे में कोई भी स्कूल संचालक अगर इस नियम को तोड़ेंगे तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।