दिल्ली(अवैस उस्मानी): दिल्ली सरकार में मंत्री सत्येंद्र जैन को विधानसभा की सदस्यता और मंत्री पद से हटाने की मांग को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में अर्ज़ी दाखिल हुई है। दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया है कि सत्येंद्र जैन ने निचली अदालत में अपनी याददाश्त कमजोर होने की बात कही थी और यही जानकारी ED की तरफ से पेश हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने भी कोर्ट को दी थी लिहाज़ा सत्येंद्र जैन को उनके पद से हटाने की मांग की है।
दिल्ली हाई कोर्ट में दाखिल याचिका में याचिकाकर्ता आशीष कुमार ने मांग किया है कि सत्येन्द्र जैन द्वारा कोरोना संक्रमण के दौरान जो भी फैसला लिया गया है उसको रद्द किया जाए। याचिका में यह भी मांग किया है कि केंद्र सरकार के द्वारा एक मेडिकल बोर्ड का गठन हो जो सत्येंद्र जैन की मानसिक स्थिति की जांच करे। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि दिल्ली सरकार ने संविधान के आर्टिकल 191(1)A का उल्लंघन किया है, जिसमें कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति जो मानसिक रूप से कमज़ोर हो उसको विधानसभा का सदस्य नहीं बनाना चाहिए।
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बता दें, दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन फिलहाल मनी लांड्रिंग मामले में जेल में बंद है। ED ने 6 जून को दिल्ली NCR में कई जगहों पर छापेमारी किया था। ED ने छापेमारी के दौरान करीब 2 करोड़ 35 लाख रुपये नकदी और 133 सोने के सिक्के समेत कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, प्रोपर्टी के दस्तावेज, बैंकिंग लेनदेन के दस्तावेज ज़ब्त किया गया था। इससे पहले अप्रैल में भी ED ने सत्येंद्र जैन और उनके परिवार से जुड़े लोगों की करीब 4 करोड़, 81 लाख रुपये की संपत्ति को ज़ब्त किया था। सूत्रों के अनुसार इन राशियों का उपयोग ज़मीन से जुड़ी खरीदारी और दिल्ली एनसीआर के आसपास कृषि भूमि की खरीद को लेकर दिए गए कर्ज़ की अदायगी में किया गया था। लिहाजा मामले की गंभीरता को देखते हुए 2018 में सत्येंद्र जैन समेत अन्य लोगों से ईडी द्वारा पूछताछ कि गयी थी।
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