(प्रदीप कुमार): समाजवादी राजनीति के पुरोधा शरद यादव का गुरुवार रात निधन हो गया। शरद यादव के निधन पर राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री ने दुख जताया।गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली आवास पर जाकर शरद यादव को अंतिम श्रद्धांजलि दी, वहीं राहुल गांधी ने भी दिल्ली आवास पर जाकर शरद यादव को श्रद्धांजलि दी। समाजवादी राजनीति के पुरोधा शरद यादव के निधन पर हर किसी ने शोक जताया है। राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री समेत तमाम नेताओं ने शरद यादव के निधन पर दुख जताया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वाले 70 के दशक के छात्र नेता शरद जी संसद में वंचितों की महत्वपूर्ण राष्ट्रीय आवाज थे।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह एक लोकप्रिय नेता और कुशल प्रशासक थे जिन्होंने सार्वजनिक जीवन में उच्च मापदंड स्थापित किए उनके असामयिक निधन से दुखी हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शरद यादव को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। प्रधानमंत्री मोदी ने शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि सार्वजनिक जीवन में अपने लंबे वर्षों में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया वह डॉक्टर लोहिया के आदर्शों से बहुत प्रेरित थे मैं हमेशा अपनी बातचीत को संजोकर रखूंगा उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं।शरद यादव के निधन से दुखी हूं।
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शरद यादव के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि समाजवादी विचारधारा को धार देने वाले हमारे वरिष्ठ नेता शरद यादव जी हमारे बीच में नहीं है उनकी क्षति हम सभी को हमेशा खलती रहेगी। गृह मंत्री अमित शाह ने शरद यादव के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया और उनके दिल्ली आवास पर जाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शरद यादव के निधन पर दुख जताते हुए ट्वीट किया राहुल गांधी ने दिल्ली आवास पर पहुंचकर शरद यादव के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन किए। राहुल गांधी ने शरद यादव को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मैंने शरद यादव जी से राजनीति के बारे में बहुत कुछ सीखा है वह आज हमारे बीच नहीं रहे तो काफी दुख हो रहा है उन्होंने कभी अपना सम्मान नहीं खोया क्योंकि राजनीति में सम्मान खोना बहुत आसान होता है।
बिहार में शरद यादव के निधन पर एक दिन के राजकीय शोक का ऐलान किया गया है बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शरद यादव के निधन को दुखद बताते हुए कहा कि शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था मैं उनके निधन की खबर से बहुत स्तब्ध एवं मर्मआहत हूं उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूर्ण क्षति हुई है। आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी शरद यादव के निधन पर शोक जताया और कहा कि उनके आपसी मतभेदों के बाद भी कभी कड़वाहट पैदा नहीं हुई।
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शरद यादव देश के बड़े समाजवादी नेता रहे उन्होंने बिहार की राजनीति में एक अलग पहचान बनाई और केंद्र की राजनीति में भी उन्होंने गहरी छाप छोड़ी। शरद यादव देश के पहले ऐसे नेता बने जिन्हें तीन अलग-अलग राज्यों से सांसद चुने जाने का मौका मिला। छात्र राजनीति से जुड़कर शरद यादव ने जयप्रकाश नारायण के लोकतंत्र वाद और डॉक्टर राम मनोहर लोहिया के समाजवाद की क्रांति पर सवार होकर राजनीतिक सफर तय किया। डॉक्टर लोहिया के समाजवादी विचारों से प्रेरित होकर शरद यादव ने अपने मुख्य राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और आपातकाल के दौरान मीसाबंदी बनकर जेल भी गए। शरद यादव 7 बार लोकसभा सांसद जबकि तीन बार राज्यसभा सांसद चुने गए।
मध्य प्रदेश की जबलपुर सीट से सांसद चुने जाने के अलावा शरद यादव उत्तर प्रदेश की बदायूं लोकसभा सीट और बिहार के मधेपुरा लोकसभा सीट से भी सांसद रहे। जनता दल के संस्थापक सदस्य में रहे शरद यादव एनडीए के संयोजक भी रहे तो अटल बिहारी सरकार में भी मंत्री बने। हालांकि अपने राजनीतिक जीवन के अंतिम पड़ाव में शरद यादव का जेडीयू पार्टी से नाता टूट गया और नीतीश कुमार से मनमुटाव भी हुआ।अब शरद यादव की बेटी सुभाषिनी कांग्रेस पार्टी से जुड़ी है जो उनकी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रही हैं।