(कृष्णा बाली): आवारा पशुओं ने इन दिनों अंबाला शहर में आतंक मचा रखा है। ना सिर्फ शहरी बल्कि ग्रामीण जनता भी उनसे काफी परेशान है। इस समस्या से निजात पाने के लिए आज भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के आह्वान पर अंबाला जिले के सभी किसान अपनी ट्रालियों में आवारा जानवरों को भरकर अनाज मंडी पहुंचे। किसानों का कहना है की जब तक उनकी इस समस्या का हल नहीं होता तब तक उपायुक्त कार्यालय में इन किसानों को रखकर उनकी देखभाल करेंगे। वहीं सरकार को बड़े आंदोलन की चेतावनी भी दी है। किसानों से बात करने आए ड्यूटी मजिस्ट्रेट से मीटिंग भी असफल रही।
आवारा पशुओं से परेशान अंबाला के किसानों का एक अलग प्रदर्शन आज देखने को मिला। आवारा पशुओं से परेशान सैकड़ों किसान आज अपनी ट्रालियों में पशु भरकर अंबाला शहर अनाज मंडी में एकत्र हुए। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी समस्या का समाधान नहीं कर देती तब तक यहां से नहीं उठेंगे। मीडिया से बात करते हुए किसान विजेंदर सिंह का कहना है कि यह आवारा पशु हमारी फसलों ही नहीं बल्कि नसलों को भी नष्ट कर रहे हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी इसे गौ माता कहती है तो इनको चारा क्यों नहीं देती। यह पशु उनके खेतों को ही नुकसान नहीं पहुंचाते बल्कि इनके सड़क पर घूमने से कई बार गांव और शहर में वाहनों से टकरा कर लोग अपनी जान तक गंवा बैठे हैं। उन्होंने अंबाला की उपायुक्त से गुहार की कि या तो वे अनाज मंडी में आकर इस समस्या का स्थाई हल करें नहीं तो यही पर बैठे रहोगे।
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वहीं किसान नेता विजय सिंह का कहना है कि अब ना तो सरकार को ज्ञापन देंगे और ना ही सरकार से कोई गुहार लगाएंगे। उनका कहना है कि वह पिछले कई सालों से कई मुद्दों को लेकर सरकार से गुहार लगाते हैं और प्रदर्शन भी करते आए हैं। लेकिन सरकार उनकी नहीं सुन रही। जय सिंह का कहना है कि वह आज आवारा पशुओं को लेकर यहां इकट्ठे हुए हैं और अब अभी तब तक यहां से नहीं उठेंगे जब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो जाता। जय सिंह का कहना है या तो उपायुक्त महोदय यहां आकर उनकी समस्या का स्थाई हल करें नहीं तो गोविंद जानवरों को देखकर उनके दफ्तर जाएंगे और वहां इनको बांधकर आएंगे।
वहीं किसानों से बात करनी है और इस समस्या का हल निकालने आए ड्यूटी मजिस्ट्रेट सत्येंद्र सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि किसानों ने उनसे कोई बात नहीं की। उन्होंने साफ तौर पर यह कहा है कि वे सिर्फ उपायुक्त अंबाला से ही बात करेंगे और अगर वह यहां नहीं आती तो पशुओं को लेकर उपायुक्त कार्यालय पहुंच जाएंगे।