अमन पांडेय: अमेरिका फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के चलते अपने शेयरों में आई गिरावट के बाद अडाणी ग्रुप निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए अपनी कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट के लिए अकाउंटेंसी फर्म ग्रांट थॉर्नट को नियुक्त किया है। 24 जनवरी को आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप ने शेयर इस कदर टूटे हैं कि कंपनियों का मार्केट कैपिटलाइजेशन 50 फीसदी से अधिक घट गया है।
खबरों की माने तो अडानी ग्रुप ने पिछले सप्ताह कहा था कि वो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद कानूनी अनुपालन, संबंधित ट्रांजेक्शन और इंटरनल कंट्रोल से संबंधित मामले पर इंडिपेंडेंट वैल्यूएशन पर विचार कर रहा है। तभी पहली बार ग्रांट थॉर्नट की नियुक्ति की खबर सामने आई थी। सूत्रों ने कहा कि अडाणी समूह की कुछ कंपनियों के स्वतंत्र ऑडिट की जिम्मेदारी ग्रांट थॉर्नट को दी गई है और ये नियुक्ति गोपनीय है।
सोमवार को खबर आई कि मार्केट रेगुलर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड अडाणी समूह के 20,000 करोड़ रुपए के फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर की जांच के बारे में अपडेट देने के लिए 15 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेगा। अडाणी समूह के शेयरों में हालिया गिरावट के दौरान नियामक द्वारा उठाए गए सर्विलांस पर सेबी बोर्ड वित्त मंत्री को जानकारी देगा।
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हिंडनर्ग का दावा
हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि अडाणी ग्रुप की लिस्टेड कंपनियां ओवरवैल्यूड हैं। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि अडाणी समूह दशकों से स्टॉक हेरफेर और मनी लॉन्ड्रिंग में लगा हुआ है। अपने जवाब में अडाणी समूह ने हिंडनबर्ग पर कॉपी पेस्ट करने का आरोप लगाया था। समूह ने कहा था कि या तो हिंडनबर्ग ने सही तरीके से रिसर्च नहीं किया है या फिर जनता को गुमराह करने के लिए उसने गलत तथ्य पेस किए हैं।