(अनिल कुमार): हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल माध्यम से पीएम-स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया और पीएम-स्वनिधि योजना शुरू की। इस योजना को आज देश में करोड़ों नए उद्यमियों ने अपनाया है, जिससे उनके जीवन में गुणात्मक सुधार आया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्चुअल माध्यम से पीएम-स्वनिधि योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। लाभार्थियों ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई यह योजना उनके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस योजना में उन्हें 10 हज़ार रुपये की राशि बिना किसी ब्याज के प्राप्त हुई, जिससे स्व-रोजगार शुरू करने और विस्तार करने में काफी मदद मिली। हरियाणा सरकार ने भी हम जरूरतमंदों को रोजगार के लिए धनराशि उपलब्ध करवाकर कल्याणकारी काम किया है, जिससे हमें भी आज समाज में मुख्यधारा से जुड़ने का अनुभव हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में पीएम-स्वनिधि योजना के तहत लगभग 55 हजार लोगों ने आवेदन किया था। इनमें से लगभग 36 हजार स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण मिल चुका है। अभी तक कुल मिलाकर 48 करोड़ रुपये का ऋण दिया जा चुका है। इस ऋण पर 7 प्रतिशत ब्याज केंद्र सरकार तथा 2 प्रतिशत ब्याज राज्य सरकार की ओर से दिया जाता है। अब तक 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि ब्याज के रूप में बैंकों को अदा की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्ट्रीट वेंडर्स की संख्या एक लाख से ऊपर है, इसलिए वर्तमान में जिन लाभार्थियों ने इस योजना का लाभ उठाया है, वे अपने आस-पास अन्य लोगों को भी इस योजना का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करें। सरकार का लक्ष्य 1 लाख लोगों को लाभ पहुंचाना है। इसके लिए स्ट्रीट वेंडर्स को ऋण प्रदान करने के लिए मेले लगाए जाएंगे। इन मेलों का उद्देश्य स्ट्रीट वेंडर्स को व्यवसाय में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि वैश्विक कोरोना महामारी के संकटकाल के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात कही थी।
यह तभी संभव होगा, जब हर परिवार अपने पैरों पर खड़ा हो जाए। कोविड महामारी के दौरान ही इस योजना की शुरुआत की गई थी। इस योजना के अंतर्गत स्ट्रीट वेंडर्स को प्रथम क़िस्त के रूप में 10 हजार रुपये का ऋण दिया जाता है। दूसरी क़िस्त के रूप में 20 हजार रुपये तथा तीसरी क़िस्त में 50 हजार रुपये दिए जाते हैं। इस ऋण के लिए लाभार्थी को कोई गारंटी भी नहीं देनी पड़ती।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार भी गरीब परिवारों के कल्याण एवं उत्थान के लिए कई योजनाएं चला रही है। परिवार पहचान पत्र के माध्यम से प्रदेश के 72 लाख परिवारों के सदस्यों का डाटा एकत्र किया गया है। जिन परिवारों की आय 1 लाख 80 हजार रुपये वार्षिक से कम हैं, उनके उत्थान पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए मुख्यमंत्री अंत्योदय परिवार उत्थान योजना चलाई है, जिसके तहत 1 लाख रुपये से कम आय वाले परिवारों के आर्थिक उत्थान का लक्ष्य है। पीपीपी डाटा के अनुसार ऐसे लगभग 7.5 लाख परिवार हैं। अभी तक लगभग 1.5 लाख ऐसे परिवारों को बुलाया जा चुका है और 37,000 परिवारों को स्व-रोजगार के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण प्रदान किया गया है। लगभग 42,000 परिवार और चयनित कर लिए गए हैं, इन्हें भी भविष्य में ऋण प्रदान किया जाएगा। अगले साल 2 लाख परिवारों की आय बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है।
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उन्होंने कहा कि आयुष्मान योजना का दायरा बढ़ाकर चिरायु हरियाणा योजना भी शुरू की है। इसमें गरीब परिवार को सालाना 5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान किया जाता है। चिरायु योजना लागू करने से प्रदेश में अब 28 लाख 89 हजार परिवार कवर हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि गरीब परिवारों के बच्चों को प्राइवेट विद्यालयों में पढ़ने का समान अवसर मुहैया करवाने के उद्देश्य से चिराग योजना शुरू की है। इस योजना के अंतर्गत जिन छात्रों के माता-पिता की वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपये तक है, उन पात्र छात्रों को दूसरी से 12वीं कक्षा तक निजी विद्यालयों में दाखिला दिलवाया जाता है।
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