(Exclusive Report प्रदीप कुमार )– केंद्र सरकार सिवोक-रोंगपो रेल लाइन योजना के विस्तार के तहत रेल कनेक्टिविटी को इंडो-चीन सीमा तक करने की तैयारी कर रही है।सिक्किम को मिलने जा रही पहली रेल लाइन रोंगपो-नाथूला वाया सिक्कम की राजधानी गंगटोक से होकर चीन की सीमा तक बिछाई जाने की योजना है।टोटल न्यूज़ ने सिक्किम में ग्राउंड रिपोर्ट पर जाकर इस पूरे प्रोजेक्ट की तैयारियों का जायजा लिया है।
केंद्र सरकार रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सिवोक-रोंगपो नई रेल लाइन परियोजना को अगले साल दिसंबर तक पूरा करने के लिए तैयार है।इस मार्ग में कुल 14 सुरंगों की लंबाई करीब 38.62 किमी है। इस पूरे मार्ग में 22 पुल हैं जिनकी कुल लंबाई 2.24 किलोमीटर है।इरकॉन के परियोजना प्रबंधक मोहिंदर सिंह ने ग्राउंड जीरो से टोटल न्यूज़ को जानकारी देते हुए बताया कि इस रेलवे लाइन के माध्यम से ट्रेन की अनुमानित गति सीमा 100 किमी प्रति घंटा होगी।
प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहिंदर सिंह ने कहा कि विभिन्न बाधाओं से निपटने के लिए परियोजना में अत्याधुनिक न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मशीन का उपयोग किया गया है।प्रोजेक्ट डायरेक्टर मोहिंदर सिंह के मुताबिक पूरे प्रोजेक्ट में इस रेल ट्रेक की रणनीतिक अहमियत को ध्यान रखते हुए काम किया गया है साथ ही रेलवे,रंगपो-गंगटोक रेल लाइन की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट डीपीआर भी तैयार कर रही है, जो कि अगस्त तक पूरी हो जाएगी वहीं रेलवे पश्चिम बंगाल के सिवोक और सिक्किम के रोंगपो को जोड़ने वाली लगभग 45 किलोमीटर लंबी नई रेल लिंक परियोजना पर तेजी से काम कर रहा है।
केंद्र सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने पर जोर दे रही है क्योंकि सिक्किम को रेलवे मानचित्र में लाने के अलावा इस मार्ग का उपयोग रक्षा उद्देश्य के लिए भी किया जाएगा। सिक्किम सीमा पर बन रही टनल के अंदर मौजूद दार्जिलिंग से बीजेपी सांसद राजू बिस्टा ने टोटल न्यूज़ से कहा कि चीन सहित हमारे तीन पड़ोसी देश सिक्किम के आसपास हैं।इस परियोजना के पूरा होने से ना केवल सिक्किम के पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा,बल्कि सिक्किम सीमा पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए सामरिक कनेक्टिविटी भी बेहतर होगी।
इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि इस रेल लाइन को बिछाने का काम दिसंबर 2024 तक पूरा कर लिया जायेगा। इसके साथ ही अगले फेज में रेलवे ने रोंगपो से सिक्कम की राजधानी गंगटोक लगभग 38 किमी नई रेल लाइन बिछाने के लिए डीपीआर बनानी शुरू कर दी है।रेलवे के मुताबिक तीन माह के भीतर डीपीआर का काम पूरा कर लिया जाएगा। इसमें एरियल सर्वे के माध्यम से रंगपो गंगटोक रेल लाइन का अलाइमेंट तय किया जा रहा है।साथ ही जानकारी के मुताबिक गंगटोक से चीन की सीमा नाथूला तक रेल लाइन बिछाने की रेलवे बोर्ड से सैद्धांतिक मंजूरी मिल गई है।गंगटोक से नाथूला तक सड़क मार्ग की दूरी लगभग 51 किलोमीटर है।रेल लाइन से दूरी घटेगी और यात्रा का समय काफी कम होगा।
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पहले फेज में सिवोक-रोंगपो, दूसरे फेज में रंगपो-गंगटोक, और तीसरे फेज में गंगटोक नाथूला नई रेल लाइनों के बनने से पश्चिम बंगाल और सिक्कम राज्य को काफी फायदा होगा। इससे चीन की सीमा स्थित नाथूला से देश की राजधानी दिल्ली की सीधी रेल कनेक्टिविटी होगी। साथ ही इसका फायदा रेल यात्रियों सहित देशी-विदेशी पर्यटकों को होगा। सामरिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण रोंगपो-गंगटोक नाथूला रेल लिंक से सेना के लिए सीमा तक पहुंचना आसान होगा।वर्तमान में सड़क मार्ग से अधिक समय लगता है।
ऐसे में सिक्किम की पहली रेल सेवा का विशेष सामरिक महत्व है।रणनीतिक विशेषज्ञ सचिन बुधौलिया का मानना है कि पहले फेज में बन रही सिवोक-रोंगपो, दूसरे फेज में रोंगपो-गंगटोक और तीसरे फेज में गंगटोक नाथूला रेल लाइन सिक्किम सीमा पर चीन की चुनौती से निपटने के लिए बेहद मददगार साबित होगी सिवोक-रोंगपो रेलवे परियोजना भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी को भी बढ़ावा देगी, क्योंकि केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर में समावेशी विकास लाने और पूरे क्षेत्र को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ने के लिए रेल लिंक को शुरू किया है।
बहरहाल सिक्किम की पहली रेल सेवा का विशेष सामरिक महत्त्व के साथ ही आर्थिक महत्त्व भी है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से रेल ट्रैक के जरिए सिक्किम की देश के साथ कनेक्टिविटी आसान होगी वही राज्य में पर्यटन को भी नई रफ्तार मिलेगी।
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