Bihar: बिहार (Bihar) के बेगूसराय की एक ऐसी महिला जो न केवल खुद कमाकर अपने परिवार का पालन पोषण करती है बल्कि पूरे गांव में उसकी मिसाल दी जाती है। हम बात कर रहे हैं बागवान गांव में रहने वाली उषा कुमारी की जिसने रोजी रोटी और अपने परिवार को बदहाली से बाहर निकालने की कोशिश के तौर पर अपने घर में मशरूम की खेती शुरू की। और आज वो गांव वालों के लिए मिसाल बन चुकी हैं।
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उषा देवी ने दी महिलाओं को सलाह
बता दें कि उषा का कहना है कि मशरूम की खेती के लिए न तो जमीन की जरूरत है और न ही कहीं जाने की बल्कि ये काम घर पर ही बड़ी आसानी से किया जा सकता है। इसमें महिला खुद से भी घर में रहकर काम करती है। इसका मतलब खेती बिना खेत का। इससे महिला को किसी के ऊपर निर्भर नहीं होना पड़ता इसमें वो खुद से काम करके कमा सकती हैं।
लॉकडाउन में आया था मशरूम की खेती का प्लान
जब लॉकडाउन लगा तो बहुत से लोगों का रोजगार चला गया था। इस बीच उसके दिमाग में आया कि घर बैठकर हम क्या कर सकती हैं और समाज में क्या है कि एक पर्दा प्रथा बहुत पुरानी बनी हुई है और वो घर में बैठना नहीं चाहती थी तो उसने सोचा कि घर में ही कुछ ऐसा काम किया जाए, जिससे घर चल सकें। इस बीच हम लोग सोच रहे थे कि वो मशरूम की खेती पर चर्चा हुई तो उसने ट्रेनिंग ली और फिर उसने वहां से शुरू किया।
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बिना खेत की खेती ने लोगों को किया प्रभावित
बागवान गांव की रहने वाली अंजू कुमारी ने कहा कि उषा देवी ने बहुत सी महिलाओं को प्रेरित किया है और हमें विश्वास दिलाया है कि हम मशरूम की खेती कर सकते हैं। सबसे अच्छी बात ये है कि ये बिना खेत के खेती होती है और घर में रहकर ही इसकी खेती और घर का काम कर सकते हैं। निवासी, बागवान गांव के रहने वाले श्याम कुमार ने बताया कि उषा एक पढ़-लिखी महिला हैं और उन्होंने वो प्रशिक्षण लेकर ये मशरूम का सब कुछ करते हुए खेती कर रही हैं और बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं मशरूम भी खरीदने के लिए और उनसे ट्रेनिंग लेने के लिए।