Aam Admi party-आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा को अभी तक विशेषाधिकार समिति से ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है। जब भी कोई नोटिस आएगा, उसका प्रभावी और विस्तार पूर्वक जवाब दिया जाएगा।
हालांकि, यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि संसदीय नियमों और प्रक्रिया के अनुसार चयन समिति को सदस्यों के नाम प्रस्तावित करने से पहले किसी भी प्रकार के हस्ताक्षर या लिखित सहमति की आवश्यकता नहीं होती है। चूंकि इसमें न तो किसी हस्ताक्षर की आवश्यकता है और न ही कोई हस्ताक्षर प्रस्तुत किया गया है। इसलिए हस्ताक्षरों की गलत व्याख्या का कोई सवाल ही नहीं बनता है।
यह केवल नामों की स्वीकृति या अस्वीकृति का प्रस्ताव है। चयन समितियां गैर-पक्षपातपूर्ण समितियां हैं, जिनमें सभी प्रमुख दलों के सदस्य शामिल होते हैं। इसलिए बोर्ड से नाम प्रस्तावित किए गए। प्रवर समिति के लिए ‘‘आप’’ सांसद द्वारा दिए गए नामों का संदर्भ मात्र एक प्रस्ताव था, जिसे सदन द्वारा स्वीकार या अस्वीकार किया जाना था। इस मामले में सदन ने संदर्भ को खारिज कर दिया। इसलिए उक्त शिकायतकर्ताओं के नाम शामिल करने का प्रश्न ही नहीं उठता है। नियम साफ तौर से कहते हैं कि यदि सदस्यों का समिति का हिस्सा बनने का कोई इरादा नहीं है तो उनके नाम वापस लिए जा सकते हैं। सच यह भी है कि इस मामले को विशेषाधिकार समिति को संदर्भित करते हुए जारी किए गए संसदीय बुलेटिन में कहीं भी जाली/जालसाजी/चिह्न/हस्ताक्षर जैसे किसी शब्द का उल्लेख नहीं है।
Read also-अमित शाह का अविश्वास प्रस्ताव पर कटाक्ष, जनता को मोदी सरकार पर पूरा है विश्वास!
एक युवा एवं प्रभावी सांसद राघव चड्ढा की प्रतिष्ठा को धूमिल करने के लिए उनके खिलाफ साजिश के तहत भाजपा ये अभियान चला रही है, जिसकी पार्टी निंदा करती है। यह एक उभरते युवा, निडर और प्रखर सांसद के खिलाफ बेबुनियाद आरोप हैं और उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए एक सुनियोजित दुष्प्रचार है।
Top Hindi News, Latest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi Facebook, Delhi twitter and Also Haryana Facebook, Haryana Twitter. Total Tv App

