Struggle के दिनों को याद कर भावुक हुए मनोज बाजपेयी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा पर कही ये बात

Actor Manoj Bajpayee :

Actor Manoj Bajpayee : नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (एनएसडी) की तरफ से चार बार रिजेक्ट किए जाने के बाद अभिनेता मनोज बाजपेयी ने कहा कि एनएसडी के साथ उनका रिश्ता द्रोणाचार्य-एकलव्य जैसा है, जिसने उनकी सफलता में अहम भूमिका निभाई है।,500 रुपये का मासिक वजीफा, रहने की जगह, कैंटीन से मुफ्त खाना और अभिनय की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोगों से मिलना, यहीं वो वजह हैं जिसके चलते मनोज को लगता है कि 22 साल की उम्र में एनएसडी से बेहतर कोई जगह नहीं थी।

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मनोज ने कहा, “नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के साथ मेरा रिश्ता कुछ इस प्रकार का है क्या बताओ, जैसे गुरु द्रोणाचार्य का एकलव्य के साथ था। वो अलग बात है कि इन लोगों ने मेरा अंगूठा नहीं मांगा। बल्कि उलटा मेरा स्वागत किया। तो एक इज्जत है जहां पर दोनों लोगों की एक दूसरे के लिए है। मैं ये भी मानता हूं कि मैं दुनिया देख चुका, दुनिया भर के संस्थानों में जा चुका, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा जो है वो दुनिया के बेहतरीन संस्थानों में से कम नहीं है।”

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उन्होंने एनएसडी पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और कोलकाता के सत्यजीत रे फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट जैसे संस्थानों को विश्व स्तरीय संस्थान बताया।मनोज ने कहा कि उन्होंने कभी भी एनएसडी की अस्वीकृति के बारे में शिकायत नहीं की, भले ही उन्हें वहां से चार बार रिजेक्ट किया गया हो।

उन्होंने कहा, “मुझे लगा कि मैं उतना अच्छा नहीं हूं और मुझमें कई खामियां हैं, क्योंकि एनएसडी कभी गलत नहीं हो सकता।”मनोज ने कहा कि वे हमेशा से अभिनता बनना चाहते थे।उन्होंने कहा, “मैं बचपन से ही अभिनय में आना चाहता था। मेरे माता-पिता मुझे फिल्में देखने के लिए थिएटर ले जाते थे। जैसे-जैसे मैं फिल्में देखता था, मुझे लगने लगा था कि मैं इसके (अभिनय) के अलावा और कुछ नहीं करना चाहता।”

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