Jagdeep Dhankar: राजस्थान के झुंझुनू जिले में जगदीप धनखड़ के पैतृक गाँव के लोग सोमवार शाम को उनके उप-राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देने के बाद दुखी हैं। हालाँकि, वे उनकी स्वास्थ्य समस्याओं से सहानुभूति रखते हैं, जिसके कारण उन्हें समय से पहले ही पद छोड़ना पड़ा।किठाना निवासी क्षेत्र के विकास में धनखड़ के योगदान को याद करते हैं।धनखड़ के भतीजे हीरेंद्र उन्हें एक नया विश्वविद्यालय, एक आयुर्वेदिक अस्पताल और एक स्टेडियम बनवाने का श्रेय देते हैं। Jagdeep Dhankar
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ईश्वर सिंह ने कही ये बात
उन्होने कहा, “बचपन से ही उनका पढ़ाई के प्रति बड़ा लगाव रहा है। हमेशा वो कहते हैं कि बच्चों को स्कूल में पढ़ाई अच्छी करनी चाहिए, शिक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण चीज है। गांव के विकास में चाचाजी ने बड़ा योगदान दिया।धनखड़ के दोस्त ईश्वर सिंह ने कहा कि लोगों को अब भी गाँव के विकास के लिए उनसे उम्मीदें हैं।सिंह ने कहा, “उन्होंने बड़ी कड़ी मेहनत की और गाँव से उनको बड़ा लगाव था। पढ़ाई में बड़े इंटेलिजेंट थे। वो सैनिक स्कूल से शिक्षा ग्रहण की और ये जब वकालत करते थे, तब भी बड़ी मेहनत करते थे।गाँव के एक छात्र नवीन को उम्मीद है कि धनखड़ के इस्तीफे से विकास कार्य नहीं रुकेंगे।Jagdeep Dhankar
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ईश्वर सिंह, पूर्व उप-राष्ट्रपति के मित्र
उन्होंने बड़ी कड़ी मेहनत की और गाँव से उनको बड़ा लगाव था। पढ़ाई में बड़े इंटेलिजेंट थे। वो सैनिक स्कूल से शिक्षा ग्रहण की और ये जब वकालत करते थे, तब भी बड़ी मेहनत करते थे।”
हिरेंद्र, पूर्व उप-राष्ट्रपति धनखड़ के भतीजे
बचपन से ही उनका पढ़ाई के प्रति बड़ा लगाव रहा है। हमेशा वो कहते हैं कि बच्चों को स्कूल में पढ़ाई अच्छी करनी चाहिए, शिक्षा ही सबसे महत्वपूर्ण चीज है। गांव के विकास में चाचाजी ने बड़ा योगदान दिया।Jagdeep Dhankar
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