पेट्रोल, डीजल और सीएनजी के दामों में लगातार हो रही बढ़ोतरी की वजह से आम लोग बेहद परेशान हैं, वहीं बढ़ती कीमतों से ऑटो टैक्सी चालक भी बेहद नाराज नजर आ रहे हैं, लेकिन अब दिल्ली के लोगों पर महंगाई की एक और मार पड़ सकती है। दिल्ली में ऑटो–टैक्सी की सवारी करना महंगा हो सकता है। दरअसल दिल्ली सरकार ऑटो–टैक्सी किराए की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन करने के लिए तैयार हो गई है। समिति ही सरकार को रिपोर्ट सौपेंगी की आखिर कितना किराया बढ़ना चाहिए। अगर ऑटो–टैक्सी का किराया बढ़ता है तो इसकी सीधी मार आम जनता पर पड़ेगी। कुछ ऑटो–टैक्सी यूनियन का कहना है कि यदि सरकार हमें सीएनजी पर सब्सिडी दे तो हम किराया नहीं बढ़ाएंगे। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महामंत्री राजेंद्र सोनी ने कहा कि हम नहीं चाहते कि किराए का बोझ आम जनता पर बढ़े। जब सरकार तमाम योजनाओं पर सब्सिडी दे सकती है तो सीएनजी पर क्यों नहीं और अगर किराया बढ़ता है तो सवारी भी कम हो जाएंगी।
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दिल्ली में ऑटो–रिक्शा का किराया आखिरी बार साल 2019 में बढ़ाया गया था। जिसे प्रति किलोमीटर पर किराया 8.5 रुपए से बढ़ाकर 9.5 रुपए किया गया था। इसके साथ–साथ दो किलोमीटर के लिये निर्धारित 25 रुपए के किराए वाले स्लैब में दूरी को कम कर डेढ़ किलोमीटर कर दिया गया था। लगातार सीएनजी के बढ़ते दामों की वजह से ऑटो टैक्सी चालक बेहद परेशान हैं। चालकों का मानना है कि सीएनजी के दाम इतने बढ़ चुके हैं कि सीएनजी भरवाते वक्त ये सोचना पड़ता है कि घर का राशन कैसे आएगा और कितने की सीएनजी भरवाई जाए। कुछ चालकों का मानना है अगर सरकार के द्वारा किराया बढ़ाया जाता है तो इससे बड़ी राहत मिलेगी, तो कुछ को डर भी है कि अगर किराया बढ़ता है तो सवारी भी कम हो जाएंगी।
वहीं इस मुद्दे को लेकर दिल्ली में सियासत भी तेज हो गई है। दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा दिल्ली सरकार सीएनजी की कीमतों में सब्सिडी दे। किराया बढ़ाने से आम जनता पर मंहगाई का बोझ बढेगा तो ऑटो, टैक्सी चालकों को भी नुकसान होगा क्योंकि उनके पास सवारी कम जाएंगी।