(प्रदीप कुमार): भारत, चीन के बीच 16वें दौर की बातचीत के बाद सोमवार को पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हट गईं है। विवादित क्षेत्र से सेनाएं हटाने और इसकी वेरिफिकेश प्रक्रिया का पूरा ब्यौरा मिलना अभी बाकी है। पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव वाले इलाके गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी-15 से भारत और चीन की सेनाएं वापस लौट गई हैं। सूत्रों के मुताबिक, दोनों सेनाओं की ओर से सैन्य वापसी की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया है और वर्तमान स्थिति की समीक्षा भी कर ली है। एक दिन पहले सोमवार को सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडेय ने कहा था कि गश्त चौकी-15 से सैनिकों की वापसी की समीक्षा की जानी बाकी है।
भारत और चीन के सैनिकों की पीपी-15 से पीछे हटने की प्रक्रिया आठ सितंबर से शुरू हुई थी। हाल ही में चीन की सेना ने घोषणा की थी कि उसने गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स पेट्रोलिंग पॉइंट 15 से हटना शुरू कर दिया है, जिसके एक दिन बाद नौ सितंबर को विदेश मंत्रालय की ओर से इस बारे में टिप्पणी की गई थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि समझौते के अनुसार, इस क्षेत्र में वापसी की प्रक्रिया 8 सितंबर को सुबह 8:30 बजे शुरू हुई और 12 सितंबर तक पूरी हो जाएगी।
दोनों देशों के बीच इस साल जुलाई महीने में 16वें दौर की उच्च स्तर की सैन्य वार्ता के बाद हॉट स्प्रिंग्स-गोगरा क्षेत्र से दोनों देशों की सेनाएं हटी हैं।यह वार्ता चुशुल-मोल्दो मीटिंग पॉइंट पर हुई थी।
इस बैठक के बाद दोनों देशों की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया था कि यह प्रतिबद्धता जताई गई है कि दोनों देशों के बीच बाकी बचे विवादों के समाधान से पश्चिमी सेक्टर में एलएसी पर शांति बहाल करने में मदद मिलेगी और द्विपक्षीय संबंधों में मजबूती आएगी। इस बैठक के बाद दोनों देशों ने अपनी-अपनी सेनाएं को सीमा से पीछा हटाने का खाका तैयार किया था।
हालांकि, दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स एरिया में पेट्रोलिंग प्वाइंट15 से सेनाएं हटा ली हैं लेकिन डेमचोक और देपसांग क्षेत्रों में गतिरोध का कोई समाधान नहीं निकल पाया है
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दरअसल 5 मई, 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध शुरू हो गया था। यह झड़प उस वक्त हुई थी जब चीनी सैनिक लद्दाख सेक्टर में भारतीय सीमा में घुसने का प्रयास कर रहे थे। इसके बाद दोनों पक्षों ने इस क्षेत्र में धीरे-धीरे भारी हथियारों से लैस हजारों सैनिकों की तैनाती कर दी थी। तब से भारत-चीन के सैनिकों को पैट्रोलिंग पॉइंट 15 के पास एक दूसरे के विपरीत तैनात किया गया है। अब भारत और चीन ने पैंगोंग त्सो लेक के दोनों किनारों से सैनिकों को हटा भी चुके हैं।
पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में पेट्रोलिंग प्वाइंट15 से दोनों देशों की सेनाएं पीछे हटने का यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है,जब इसी हफ्ते उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन SCO की वार्षिक बैठक होने जा रही है, इसमे पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग शिरकत करेंगे।दोनों नेताओं के बीच इस सम्मेलन से इतर भी बैठक हो सकती है। हालांकि,अभी तक इसका कोई आधिकारिक ऐलान नहीं किया गया है।