अमेरिकी सैनिकों के लिए खतरा! हेगसेथ की गोपनीय योजना का बड़ा खुलासा

America: Threat to American soldiers! Major revelation of Hegseth's secret plan

America: अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने यमन में हूती विद्रोहियों पर होने वाले सैन्य हमले से संबंधित संवेदनशील योजनाएं अपने निजी फोन से साझा करके अमेरिकी सैनिकों को जोखिम में डाल दिया। पेंटागन के महानिरीक्षक की एक रिपोर्ट में ये खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में रक्षा मंत्रालय में अनुमोदित नहीं किए गए मैसेजिंग ऐप और उपकरणों के उपयोग की भी आलोचना की गई है। निरीक्षक ने पाया कि हेगसेथ के पास ‘सिग्नल चैट’ नामक मैसेजिंग ऐप में साझा की गई जानकारी को ‘डी-क्लासिफाई’ यानी गोपनीय श्रेणी से हटाने का अधिकार था। रिपोर्ट में कहा गया कि हूती विद्रोहियों पर होने वाले हमले का संवेदनशील विवरण जारी करना, पेंटागन के आंतरिक नियमों का उल्लंघन है। इससे अभियान में शामिल सदस्यों या उनके मिशन को खतरा हो सकता था।

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अमेरिकी रक्षा विभाग की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन हेगसेथ ने सार्वजनिक रूप से कुछ अत्यंत संवेदनशील सैन्य विवरण साझा कर दिए। इनमें अमेरिकी लड़ाकू विमानों के उड़ान समय, संख्या और मिशन‑रूट जैसी जानकारी शामिल थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की खुलासा‑परक जानकारी परिचालन सुरक्षा के लिए “गंभीर जोखिम” पैदा कर सकती है। America

परिचालन पर संभावित प्रभाव

यदि यह डेटा दुश्मन के हाथों में पड़ जाता, तो हूती सुरक्षा बल अपने लड़ाकू जेट और एंटी‑एयर सिस्टम को पुनः व्यवस्थित कर सकते थे। इससे अमेरिकी हमलों की सफलता में बाधा आती और पायलटों को प्रत्यक्ष खतरा उत्पन्न होता। America

हेगसेथ की प्रतिक्रिया

घटना के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “कोई गोपनीय जानकारी नहीं थी। America पूरी तरह निर्दोष है। बात खत्म।” इस टिप्पणी को कई डेमोक्रेटिक सांसदों ने “लापरवाही” कहा और कहा कि यदि यह किसी निचले स्तर के अधिकारी द्वारा किया गया होता, तो उसे नौकरी से निकाल दिया जाता या कड़ी सजा दी जाती। महानिरीक्षक कार्यालय ने सूचना सुरक्षा प्रशिक्षण को सुदृढ़ करने की सिफारिश की है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएँ न हों। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि इस प्रकार की अनजाने में लाई गई जानकारी न केवल मिशन को खतरे में डालती है, बल्कि अमेरिकी सैनिकों की जीवनरक्षा के लिए भी गंभीर चुनौती बनती है। इस घटना ने रक्षा विभाग के भीतर सूचना सुरक्षा प्रोटोकॉल की पुनः समीक्षा को तेज कर दिया है।  America

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