छत्तीसगढ़ में गरजे गृहमंत्री अमित शाह, बोले- बस्तर नक्सलवाद के समूल नाश का मजबूत आधार बनेगा

Amit Shah:

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में बस्तर ओलंपिक समापन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री  विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Read Also: बीजापुर जिले के गांव गुण्डम में महुआ पेड़ के नीचे अमित शाह ने लगाई चौपाल, ग्रामीणों से खुलकर की चर्चा

बता दें कि इस अवसर पर अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि आज यहां ऐतिहासिक बस्तर ओलंपिक-2024 का समापन हो रहा है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक यहां मौजूद डेढ़ लाख बच्चों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पूरे बस्तर के सभी सातों जिलों की उम्मीदों की पहचान बनने वाला है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक आने वाले दिनों में बस्तर के विकास की यशगाथा बनने वाला और नक्सलवाद पर अंतिम प्रहार करने वाला है।

इसके साथ ही केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि आज बस्तर बदल रहा है लेकिन जब 2026 में बस्तर ओलंपिक का आयोजन होगा तब हम कहेंगे कि हमारा बस्तर बदल गया है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक ने “बदल रहा से बदल गया है” की प्रक्रिया की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि बस्तर ओलंपिक की सकारात्मक ऊर्जा लाखों आदिवासी किशोरों को गलत रास्ते पर जाने से रोकेगा, उन्हें भारत के निर्माण की प्रक्रिया के साथ जोड़ेगी और लाखों ग्रामीणों और आदिवासियों के कल्याण का माध्यम भी बनेगी।

Read Also: रक्सौल में पकड़ा गया 2 करोड़ से अधिक का प्रतिबंधित माल

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब बस्तर की एक बच्ची ओलंपिक में पदक जीतने, वो पूरी दुनिया को संदेश होगा कि हिंसा रास्ता नहीं है बल्कि विकास रास्ता है। श्री शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा, विकास और नई उम्मीदों की नींव डालने का काम करेगा। उन्होंने कहा कि भारत को किसी भी अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में मिलने वाले पदों में से आधे पदक हमारे आदिवासी बच्चे लाते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि बस्तर ओलंपिक खेलों और इसके माध्यम से विकास की शुरुआत आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व के क्षितिज को खोलने का काम करेगी। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद की हिंसा से प्रभावित दिव्यांगजनों की व्हीलचेयर रेस बस्तर के विकास की रफ्तार का प्रतीक बनेगी।

साथ ही  शाह ने कहा कि एक ज़माना था कि जब बस्तर में बिजली, पानी नहीं था, भुखमरी थी, स्कूल जला दिए गए थे और दवाखाने और अस्पताल बंद थे। उन्होंने कहा कि लेकिन पिछले एक साल में राज्य सरकार ने हमारे बस्तर में गांवों को बदलने का बहुत बड़ा अभियान चलाया है। उन्होंने कहा कि विगत 5 साल में केन्द्र सरकार को राज्य सरकार का समर्थन नहीं मिला, लेकिन हमारी पार्टी की सरकार बनी और नक्सलवाद के खिलाफ हमारा अभियान तेज़ हो गया। उन्होंने कहा कि एक साल के अंदर 287 नक्सलियों को मारा गया, लगभग 1000 नक्सली गिरफ्तार हुए और 837 ने आत्मसमर्पण किया।

Read Also:सेना मुख्यालय से विजय दिवस की प्रतीक तस्वीर उतारे जाने को लेकर कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन

केन्द्रीय गृह मंत्री ने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होकर विकास के रास्ते पर अग्रसर होने और छत्तीसगढ़ के विकास में अपना योगदान देने की अपील की। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरे भारत में सबसे आकर्षक सरेंडर पॉलिसी बनाई है। श्री शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य के हर गांव में भारत सरकार और राज्य सरकार की सभी 300 से अधिक जनकल्याण की योजनाओं को जमीन पर उतारने के प्रति कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि नियद नेल्लानाड (Niyad Nelasnar) योजना, गांवों को स्वर्ग बनाने वाली योजना है। उन्होंने कहा कि आज बस्तर में स्कूल चल रहे हैं, बिजली पहुंची है, फोन की कनेक्टिविटी है, सड़कें बन रही हैं, पीने का पानी पहुंच रहा है, हर आदिवासी भाई-बहन को 5 किलो अनाज प्रति माह मिलता है और मोदी सरकार उनका पांच लाख रुपए का इलाज मुफ्त करा रही है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 10 साल में मोदी सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ दोनों मोर्चे पर काम किया है। उन्होंने कहा कि एक ओर जहां हिंसा में लिप्त नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा घेरा सख्त कर उन पर नकेल कसी गई है, वहीं दूसरी ओर आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों को बसाने का काम भी किया गया है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र, जो विकास की दौड़ में पिछड़ गए थे, उन्हें विकसित करने का काम भी मोदी सरकार ने किया है। श्री शाह ने कहा कि इसी कारण 1983 से जो क्षेत्र नक्सलवाद से पीड़ित थे, वहां सुरक्षाबलों की मृत्यु में 73 प्रतिशत और नागरिकों की मृत्यु में 70 प्रतिशत की कमी आई है। गृह मंत्री ने 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह से समाप्त कर देने की मोदी सरकार की कटिबद्धता को दोहराया।

Read Also: कमजोर वैश्विक रुख से शेयर बाजार में आई गिरावट, सेंसेक्स 385 अंक लुढ़का

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि नक्सलवाद समाप्त होने पर कश्मीर से ज्यादा पर्यटक हमारे बस्तर में आएंगे, बस्तर में इतना कुदरती सौंदर्य है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार यहां पर्यटन, लघु उद्योगों, कोऑपरेटिव क्षेत्र में डेयरी सेक्टर आदि को आगे बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि आदिवासी किसान द्वारा उगाए गए धान को भी सरकार ₹3100 मूल्य पर खरीदकर उसकी समृद्धि के प्रयास कर रही है। गृहमंत्री शाह ने कहा कि आने वाले दिनों में तेंदूपत्ता की खरीद के लिए भी इस प्रकार की योजना लाई जाएगी जिससे न तो किसानों के साथ अन्याय हो और न ही उससे नक्सलवाद का वित्त पोषण हो। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने आत्मसमर्पण करने वाले, नक्सली हिंसा के कारण दिव्यांग बने और नक्सली हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 15 हज़ार अतिरिक्त आवासों   को मंजूरी दी है जिनमें से 9000 से ज्यादा आवास बस्तर में बनने वाले हैं। उन्होंने कहा कि ये बताता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मन में नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र के प्रति कितनी संवेदना है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जब 2036 में भारत में ओलंपिक खेलों का आयोजन होगा तब यहां मौजूद बच्चों में से ही कोई भारत के लिए पदक जीतेगा और उस समय पूरा देश स पर गर्व करेगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी का मूल मंत्र है Sports For All, Sports For Excellence और इस मंत्र को हम बस्तर में चरितार्थ करना चाहते हैं। श्री शाह ने कहा कि बस्तर में विकास, पर्यटन, शांति, विकास और सभी जनकल्याणकारी योजनाओं का शत-प्रतिशत सैचुरेशन होगा और छत्तीसगढ़ जल्द ही नक्सलवाद से मुक्त होगा।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी जी ने पिछले 10 साल में जल, जंगल और जमीन की रक्षा के साथ-साथ सुरक्षा, सम्मान और समावेशी विकास को भी आगे बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने नक्सलवाद को समाप्त कर शांति और स्थिरता स्थापित करने के प्रयास किए हैं, आजादी के स्वतंत्रता संग्राम में सर्वोच्च बलिदान देने वाले सैकड़ों आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद में देशभर में संग्रहालय बनाए हैं। उन्होंने कहा कि मोदी जी ने 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजाति गौरव दिवस घोषित किया है। श्री शाह ने कहा कि 2013-2014 में आदिवासी कल्याण का बजट 28000 करोड़ रुपए का था, जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने 2024-2025 में बढ़ाकर 1,33,000 करोड़ रुपए करने का काम किया है। उन्होंने कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार विकास की स्पर्धा में पिछड़ गए आदिवासी क्षेत्रों, गांवों और आदिवासी युवाओं के विकास के प्रति समर्पित सरकार है।

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पहले डिस्ट्रिक्ट मिनिरल फंड का पैसा उद्योगों में जाता था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी जी ने इस फंड का एक बड़ा हिस्सा आदिवासी गांवों के विकास पर खर्च किया और बजट के अतिरिक्त 97 हजार करोड़ रुपए 10 साल में आदिवासी क्षेत्रों पर खर्च किया। उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में 6400 करोड़ रुपए की लागत से 708 एकलव्य रेजिडेंशियल स्कूल बने, जो पिछली सरकार के 10 साल के कार्यकाल के मुकाबले 27 गुना अधिक है। उन्होंने कहा कि आदिवासी आदर्श ग्राम योजना के लिए मोदी सरकार ने 7000 करोड़ रुपए दिए, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन के लिए 15000 करोड़ रुपए दिए और जनजातीय उन्नत ग्राम योजना में 63000 गांव के 5 करोड़ जनजातीय लोगों को सभी सुविधाएं प्रदान कराईं।

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर में शांति स्थापित करने, यहां के कुदरती सौंदर्य को संभालते हुए इसे विकसित करने और दुनियाभर के पर्यटन को यहां लाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। उन्होंने कहा कि ये तभी संभव है जब सड़कें बनेंगी, रेल आएगी, बिजली और पानी उपलब्ध होंगे और सबसे महत्वपूर्ण शांति स्थापित होगी और शांति तभी स्थापित होगी जब नक्सलवाद को हम पूर्णतया समाप्त कर देंगे।

Top Hindi NewsLatest News Updates, Delhi Updates,Haryana News, click on Delhi FacebookDelhi twitter and Also Haryana FacebookHaryana Twitter  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *