(प्रदीप कुमार): अडानी मामले में गृह मंत्री अमित शाह के बयान और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की जेपीसी की मांग के बाद इस मुद्दे पर आज भी विवाद बना रहा। हिंडनबर्ग-अडाणी विवाद पर गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया है। गृहमंत्री ने न्यूज़ एजेंसी ANI पर ये इंटरव्यू दिया है। अडाणी मामले पर पूछे गए सवाल के जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि इस पर कोई कमेंट करना सही नहीं होगा, क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। गृहमंत्री ने आगे कहा कि इसमें बीजेपी के लिए छिपाने जैसी कोई बात नहीं है और न ही डरने की जरूरत है।
इसके अलावा गृहमंत्री अमित शाह ने इंटरव्यू के दौरान लोकसभा-विधानसभा चुनाव पर भी बयान दिया। गृहमंत्री ने PFI पर बैन, पूर्वोत्तर में चुनाव, देश की आंतरिक सुरक्षा, शहरों के नाम बदलने और G-20 जैसे कई मुद्दों पर भी बात की है। वहीं अडानी मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह के बयान के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी बयान दिया। जयराम रमेश ने कहा कि अगर सरकार के पास अडानी मामले में छिपाने के लिये कुछ नही है तो फिर जेपीसी की मांग से क्यो भाग रहे है। हमारे नेताओं के बयान को संसद में छिपाया गया है। जयराम रमेश ने कहा कि आप अगर छिपा नही रहे है तो जेपीसी बनाये, टाइम बाउंड जांच होनी चाहिए।
Read also: दिल्ली के महरौली इलाके में पांचवें दिन भी DDA के मकानों पर चला बुलडोजर
जयराम रमेश ने आगे कहा कि इस मुद्दे पर विपक्ष एकजुट है। हमारी आवाज को दबाया जा रहा है, डराया धमकाया जा रहा है। मैने सेबी को चिट्ठी लिखी है जांच की मांग की है। हम जेपीसी की जांच से पीछे नही हटेंगे। बहरहाल अडानी मामले में आए गृहमंत्री के बयान के बाद कांग्रेस ने एक बार फिर जेपीसी की मांग दोहराते हुए लड़ाई आगे बढ़ा दी है।