Ayodhya: उत्तर प्रदेश का अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने के लिए तैयार है। 20 अक्टूबर को यहां होने वाला दीपोत्सव अब तक का सबसे भव्य आयोजन होगा। पवित्र सरयू नदी के किनारे 56 घाटों पर लगभग 28 लाख दीयों से रोशनी की जाएगी।वरिष्ठ अधिकारी भव्य उत्सव के लिए बारीकी से जरूरी तैयारियां कर रहे हैं।हाल के सालों में अयोध्या के दीपोत्सव को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में जगह मिल चुकी है। इस साल आयोजकों का लक्ष्य नया रिकॉर्ड स्थापित करना है, जिसके लिए सजावट, सुरक्षा, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और अतिथि सत्कार की विस्तृत तैयारियां चल रही हैं।Ayodhya
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को अयोध्या में राम मंदिर के शिखर पर 21 फुट ऊंची धर्मध्वजा फहराएंगे। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को ये जानकारी दी।राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम के साथ मंदिर निर्माण का काम आधिकारिक तौर पर पूरा हो जाएगा।मिश्रा ने पत्रकारों से बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी के अयोध्या आगमन के कार्यक्रम की पुष्टि की और दावा किया कि ये समारोह “ऐतिहासिक” होगा।उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण के जरिये प्रधानमंत्री दुनिया को संदेश देंगे कि इंतजार की घड़ियां अब खत्म हो गई हैं और आस्था का लंबे समय पहले देखा गया सपना साकार हो गया है।Ayodhya:
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ध्वजारोहण समारोह 25 नवंबर को राम विवाह पंचमी की शुभ तिथि पर आयोजित किया जाएगा। इससे पहले, प्रधानमंत्री मोदी ने पांच अगस्त 2020 को राम मंदिर का भूमिपूजन किया था और 22 जनवरी 2024 को राम लला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में शामिल हुए थे।मिश्रा ने पुष्टि की कि मुख्य मंदिर का निर्माण कार्य “लगभग पूरा” हो चुका है। उन्होंने कहा कि बाहरी दीवार का निर्माण भी अंतिम चरण में है और शेषावतार मंदिर, सप्त मंडपम और पुष्करणी (पवित्र तालाब) का निर्माण कार्य पूरा किया जा चुका है।मिश्रा ने बताया कि मंदिर के पास श्रद्धालुओं के लिए जूता स्टैंड बनाने का काम भी अंतिम दौर में है और इसके नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है।Ayodhya: