खाप के आदेश का पालन करने को तैयार- बजरंग पुनिया

Bajrang Punia– ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने गुरुवार को संकेत दिया कि जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका समर्थन करने वाली पंचायतें कहेंगी तो वो एशियाई खेलों से पीछे हट सकते हैं। बजरंग पुनिया, ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक और एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगट सहित पांच पहलवान कथित यौन उत्पीड़न के मामले में निवर्तमान डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जंतर मंतर पर बैठे थे Bajrang Punia 

कई खाप पंचायतों ने उनका समर्थन किया था। बाद में वे बजरंग और विनेश की एशियाई खेलों के ट्रायल से छूट की मांग और फिर 23 सितंबर से हांग्जो में होने वाले टूर्नामेंट में सीधा प्रवेश स्वीकार करने से नाखुश थे। दोनों को ट्रायल में भाग लेने से दी गई छूट के विरोध में जुलाई ट्रायल में भाग लेने वाले पहलवानों के माता-पिता और प्रशिक्षकों ने हिसार और नई दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन किया।Bajrang Punia

विशाल कालीरमन के साथ कथित दुर्व्यवहार पर चर्चा के लिए जींद की जाट धर्मशाला में खाप पंचायतों की एक बैठक भी बुलाई गई, जो एशियाई खेलों के ट्रायल में अव्वल रहे थे। फिर भी उनका नाम स्टैंडबाइ के रूप में भेजा गया था, जबकि 65 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में बजरंग पहली पसंद थे। खाप पंचायतों के गुस्से के बीच बजरंग ने हरियाणा के जिंद जिले में आयोजित महापंचायत में संकेत दिया कि अगर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका समर्थन करने वाली पंचायतें कहती हैं तो वे एशियाई खेलों से पीछे हट सकते हैं।Bajrang Punia

बैठक में लगभग 25 खाप शामिल हुईं। लेकिन कई बार जंतर-मंतर पर बहलवानों के समर्थन में जाने वाले बीकेयू के नरेश टिकैत नहीं थे, अगली खाप महापंचायत 10 सितंबर को होगी। टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक विजेता बजरंग पुनिया ने कहा, “उस सारे खाप पंचायत, जितने भी चौधरी संगठन वाले हैं वो सबने इकट्ठे कर लो, जो भी आदेश देंगे, मैं वो काम करने को तैयार हूं।”उन्होंने मैं एक कमरे में बैठके कोई फैसला नहीं लूंगा। सारी खाप पंचायत जो बेटियों की लड़ाई में, क्योंकि वो कुश्ती की लड़ाई नहीं लड़ रहे हम, हम बेटियों की लड़ाई लड़ रहे हैं।

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बजरंग पुनिया का पूरा बयान-

“जितने भी खाप पंचायत आई है यहां पे,तो जितने भी लोग यहां पर आ रहे हैं, लेकिन बहुत सारे हैं जो लड़ाई में समर्थन कर रहे थे हमारा, पंचायत में दिखाई नहीं दे रहे हैं। मैं आपसे ये कहूंगा एक-डेढ़ महीना है, आप पूरे समाज ने इकट्ठा कर लो। क्योंकि उस दिन भी आप घर पर गए थे। आपने ये बात कही थी कि मैं एक कमरे में बैठके कोई फैसला नहीं लूंगा। सारी खाप पंचायत जो बेटियों की लड़ाई में, क्योंकि वो कुश्ती की लड़ाई नहीं लड़ रहे हम, हम बेटियों की लड़ाई लड़ रहे हैं। उस सारे खाप पंचायत, जितने भी चौधरी संगठन वाले हैं वो सबने इकट्ठे कर लो, जो भी आदेश देंगे, मैं वो काम करने को तैयार हूं। मैं इसीलिए आया हूं क्योंकि ना आता तो कहते बजरंग में कोई कमी है। बहुत सारे फेसबुकिया हैं हमारे खिलाफ, जो हमारा आंदोलन कमजोर करने को तैयार हैं। ठीक है ना। तो जो आप लोग फैसला लोगे, सभी एक बार इकट्ठे हो जाओ। क्यों मन्ने बहुत सारे दिखाई नहीं दे रहे, जो जंतर-मंतर पे हमारी लड़ाई में साथ दे रहे थे।”

गुरुवार को महापंचायत किसी फैसले पर नहीं पहुंच सकी। 10 सितंबर को अगली बैठक बुलाई गई है।

हालांकि बजरंग 10 सितंबर की महापंचायत में शामिल नहीं होंगे। वे ट्रेनिंग के लिए किर्गिस्तान के इस्सिक-कुल जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि महापंचायत जो भी फैसला लेगी, वो उसे स्वीकार करेंगे और उसका सम्मान करेंगे।

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