(प्रदीप कुमार) हिमाचल चुनाव में भले ही राहुल गांधी प्रचार करने के लिए न उतरे हो, लेकिन गुजरात में कांग्रेस के 27 साल के वनवास को खत्म करने के लिए ‘भारत जोड़ो यात्रा’ से ब्रेक लेकर पहुंचे हैं।गुजरात विधानसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद पहली बार राहुल गांधी ने राजकोट और सूरत में चुनावी रैली को संबोधित किया।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार में सभी राजनीतिक दलों ने एड़ी-चोटी का जोर लगाया हुआ है। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राज्य में अपनी पहली चुनावी रैली को संबोधित किया। राहुल गांधी ने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान किसानों, युवाओं और आदिवासियों से मिलने और उनकी समस्याओं को सुनने के बाद उन्हें उनका दर्द महसूस हुआ।
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सूरत के महुवा में रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता ने आदिवासियों को लेकर कहा कि वे देश के पहले मालिक हैं। उन्होंने दावा किया किया कि भाजपा उनके अधिकारों को छीनने का काम कर रही है। गांधी ने कहा, वे आपको वनवासी कहते हैं। वे यह नहीं कहते कि आप पहले देश के मालिक हैं। इसका मतलब आप जंगल में रहते हैं। क्या आपको अंतर दिखाई देता है? इसका मतलब है कि वे नहीं चाहते कि आप शहरों में रहें, वे नहीं चाहते कि आपके बच्चे इंजीनियर, डॉक्टर बनें, विमान उड़ाना सीखें, अंग्रेजी बोलें।
दरअसल सौराष्ट्र क्षेत्र में राहुल गांधी की चुनावी रैली के बड़े मायने हैं ।2017 में पाटीदार आंदोलन के चलते पटेल बहुल सौराष्ट्र क्षेत्र में बीजेपी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था और कांग्रेस को फायदा मिला था।सौराष्ट्र के सियासी समीकरण इस बार बदल गए हैं। यहां कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई होने के बजाय त्रिकोणीय मुकाबले के आसार दिख रहे हैं, क्योंकि आम आदमी पार्टी भी पूरी ताकत से मैदान में उतरी है। बीजेपी सौराष्ट्र में अपने पुराने नतीजे को दोहराने के लिए मशक्कत रही है यही वजह है कि राहुल गांधी सौराष्ट्र क्षेत्र से गुजरात चुनाव प्रचार अभियान शुरुआत की है।
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